शेयर मंथन में खोजें

मध्यम से लंबी अवधि की चाल बदल सकती है बाजार में

राजीव रंजन झा : सेंसेक्स (Sensax) और निफ्टी (Nifty) के चार्ट पर मध्यम से लंबी अवधि के लिए कुछ महत्वपूर्ण बदलाव दिख रहे हैं। सबसे पहली बात तो यह है कि साल 2008 से ही अब तक ये दोनों सूचकांक जिन ऐतिहासिक ऊपरी स्तरों पर अटक रहे थे, उन्हें पार कर के ये नये उच्चतम स्तरों पर आ गये हैं।

सेंसेक्स ने जनवरी 2008 में 21,207 का उच्चतम स्तर बनाया था। लगभग तीन साल के उतार-चढ़ाव के बाद यह नवंबर 2010 में वापस इस मुकाम के करीब आया, लेकिन 21,109 पर अटक कर फिर से नीचे लौट गया।

फिर करीब तीन साल बाद अक्टूबर 2013 में यह 21,000 के ऊपर आया। दिसंबर 2013 में यह 21,484 के नये उच्चतम स्तर को छूने में भी सफल रहा, मगर फिर से पलट कर फरवरी 2014 में 20,000 के नीचे चला गया। मगर मार्च 2014 में इसने निर्णायक रूप से 2008, 2010 और 2013 के ऊपरी स्तरों पर बन रही बाधा को पार कर लिया। अप्रैल 2014 में भी इसकी तेजी जारी रही और यह नये उच्चतम स्तरों को छूता रहा।

निफ्टी का भी यही हाल रहा। यह जनवरी 2008 के उच्चतम स्तर 6,357 के आसपास साल 2013 तक अटकता रहा। मगर मार्च और अप्रैल 2014 में यह निर्णायक रूप से इन बाधाओं को पार कर गया। यह 25 अप्रैल 2014 को 6,870 तक चढ़ा। इसके अलावा, गौर करें कि साल 2011 से सेंसेक्स और निफ्टी एक चढ़ती हुई बड़ी पट्टी (राइजिंग चैनल) के अंदर चलते रहे हैं। अप्रैल 2014 में ये इस पट्टी से ऊपर निकलते दिख रहे हैं। हालाँकि इस पट्टी के लिए यह जरूर कहा जा सकता है कि इसकी ऊपरी रेखा के सारे बिंदु एक सीध में नहीं हैं। यही बात निचली रेखा के लिए भी सच है। इसलिए यह पट्टी ठीक-ठीक किस तरह खींची जाये, इसे लेकर जरा असमंजस हो सकता है। यहाँ ध्यान रखना होगा कि अगर हम निफ्टी के चार्ट पर फरवरी 2012 के ऊपरी स्तर 5,630 और जनवरी 2013 के ऊपरी स्तर 6,112 को मिलाती रुझान रेखा (ट्रेंड लाइन) खींचें तो 25 अप्रैल 2014 का ऊपरी स्तर 6870 बिल्कुल उसी रेखा पर आता है। इसलिए मौजूदा स्तरों पर ही बाधा मिल सकने की संभावना को खारिज नहीं किया जा सकता।

लेकिन सामान्य रूप से यह दिखता है कि एक पट्टी साल 2011 के अंत से अब तक चल रही थी और अब सेंसेक्स-निफ्टी इस पट्टी से ऊपर निकलने लगे हैं। अगर ये थोड़ा छका कर वापस इस पट्टी के अंदर लौट न आयें, और साफ तौर पर इस पट्टी के ऊपर निकल जायें तो यह मध्यम अवधि के लिए बाजार में नयी ऊपरी चाल का साफ संकेत होगा।

 

ऊपर नये लक्ष्य कहाँ

अगर मध्यम से लंबी अवधि के लिए बाजार में नयी तेजी की चाल बन रही है तो स्वाभाविक प्रश्न होगा कि अगले बड़े स्वाभाविक लक्ष्य क्या बनते हैं। अगर सेंसेक्स के नवंबर 2010 के शिखर 21,109 से ले कर दिसंबर 2011 की तलहटी 15,136 तक की गिरावट की वापसी के स्तरों को देखें तो 100% वापसी पूरी हो जाने के बाद 138.2% वापसी का अगला मुकाम 23,390 पर है। अभी सेंसेक्स लगभग 23,000 तक तो पहुँच ही चुका है। इसलिए माना जा सकता है कि इस मुकाम को सेंसेक्स ने काफी हद तक छू लिया है। इसके आगे जाने पर 161.8% वापसी के स्तर 24,800, या मनोवैज्ञानिक रूप से कहें तो 25,000 को अगला बड़ा लक्ष्य माना जा सकता है।

निफ्टी के चार्ट पर इसी संरचना को देखें तो 6,338 से 4,531 तक की गिरावट की 138.2% वापसी 7,028 पर और 161.8% वापसी 7,455 पर है। लगभग 7,000 के लक्ष्य की चर्चा निवेश मंथन के पिछले दो अंकों (मार्च और अप्रैल) में भी की गयी थी। इनमें जिक्र था कि अगस्त 2013 की तलहटी 5,119 से दिसंबर 2013 के शिखर 6,415 तक की उछाल और फिर फरवरी 2014 की तलहटी 5,933 तक की गिरावट का 80% विस्तार (प्रोजेक्शन) 6,967 यानी लगभग 7,000 और 100% विस्तार 7,226 पर पहुँचता है।

इन सब बातों का निष्कर्ष निकालें तो निफ्टी के लिए 7,000 के बाद लगभग 7,200 और फिर लगभग 7,500 के अगले पड़ाव सामने दिखते हैं। लेकिन बात यहीं तक नहीं रुकती। जनवरी 2008 के शिखर 6,357 से अक्टूबर 2008 की तलहटी 2,253 तक की गिरावट की 100% वापसी पूरी होने के बाद 138.2% वापसी 7,924 और 161.8% वापसी 8,893 पर है। यानी 7,500 के बाद 8,000 और फिर लगभग 9,000 के भी लक्ष्य बनते हैं। लेकिन ये अगले कई साल आगे की कहानी हो सकती है। Rajeev Ranjan Jha

(शेयर मंथन, 28 अप्रैल 2014)

Add comment

कंपनियों की सुर्खियाँ

निवेश मंथन : डाउनलोड करें

बाजार सर्वेक्षण (जनवरी 2023)

Flipkart

विश्व के प्रमुख सूचकांक

निवेश मंथन : ग्राहक बनें

शेयर मंथन पर तलाश करें।

Subscribe to Share Manthan

It's so easy to subscribe our daily FREE Hindi e-Magazine on stock market "Share Manthan"