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इंडियन ऑयल (Indian Oil) के घाटे में कमी, कुल कारोबार भी घटा

indian oil logoइंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (Indian Oil Corporation) का घाटा 2015-16 की दूसरी तिमाही में पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले आधे से भी कम रह गया है।

इसने 2014-15 की दूसरी तिमाही में दर्ज 898.46 करोड़ रुपये के घाटे की तुलना में इस बार 329.17 करोड़ रुपये का घाटा दिखाया है। इसकी आमदनी भी 1,11,663.81 करोड़ रुपये से घट कर 85,384.81 करोड़ रुपये रह गयी है, जिसका मुख्य कारण कच्चे तेल की कीमत में आयी गिरावट है।
आईओसी (IOC) को अपने भंडार (Inventory) पर 5,137 करोड़ रुपये का नुकसान सहना पड़ा, क्योंकि कच्चा तेल खरीदने की कीमत ऊँची रही और उसे ईंधन में बदल कर बाजार में पहुँचाने तक कीमतें नीचे आ गयीं। भंडार पर नुकसान को अलग रख कर देखने पर इसका सकल रिफाइनिंग मार्जिन (जीआरएम) 3.25 डॉलर प्रति बैरल से बढ़ कर 6.92 डॉलर का रहा। वहीं इसका विदेशी मुद्रा नुकसान 672 करोड़ रुपये से बढ़ कर 1,100 करोड़ रुपये का हो गया है।
बीती तिमाही में जन वितरण प्रणाली के केरोसिन और घरेलू रसोई गैस की बिक्री पर होने वाले नुकसान की पूरी भरपाई हो गयी। सरकार ने इसे बीती तिमाही में 1,715 करोड़ रुपये की नकद सब्सिडी दी, जबकि उत्पादक कंपनियों की ओर से इसे इस मद में 462 करोड़ रुपये हासिल हुए।
आज दोपहर में इन नतीजों के सामने आने के बाद इंडियन ऑयल के शेयरों में मजबूती का रुझान बना। नतीजों से पहले यह लाल निशान में चल रहा था, पर अंत में बाजार बंद होने के समय यह बीएसई में 4.70 रुपये या 1.18% की बढ़त के साथ 401.45 रुपये पर बंद हुआ। (शेयर मंथन, 03 नवंबर 2015)

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