तिमाही नतीजों के बाद आईसीआईसीआई बैंक शेयरों में काफी तेज हलचल देखने को मिल रही है। बैंक ने इस सोमवार को ही अपने नतीजे पेश किये थे, जिसके बाद सोमवार के कारोबार में यह 1.85% की गिरावट के साथ बंद हुआ था।
मगर कल मंगलवार को इसने 8% की जोरदार वृद्धि दर्ज की। आज एक बार फिर यह अच्छी मजबूती के साथ चल रहा है। दोपहर करीब दो बजे यह बीएसई में 7.05 रुपये या 2.16% की बढ़त के साथ 333.70 रुपये पर चल रहा है।
आखिर क्या वजह है कि नतीजों के तुरंत बाद तो इसने कमजोरी का रुख दिखाया, मगर उसके बाद से इसकी चाल एकदम पलट गयी और यह अचानक भारी तेजी में आ गया? दरअसल सोमवार को नतीजों के बाद बाजार की नकारात्मक प्रतिक्रिया बैंक की संपत्तियों की गुणवत्ता कमजोर होने यानी इसके डूबे कर्जों (एनपीए) में वृद्धि के कारण हुई थी।
इसका सकल (ग्रॉस) एनपीए तिमाही-दर-तिमाही 0.38% अंक बढ़ कर 3.78% हो गया, जबकि शुद्ध (नेट) एनपीए तीसरी तिमाही के 1.27% से बढ़ कर चौथी तिमाही में 1.61% हो गया। स्वाभाविक रूप से बाजार इसे लेकर चिंतित नजर आया। मगर नतीजों का पूरा विश्लेषण करने और बैंक के प्रबंधन के साथ विश्लेषकों की बातचीत के बाद काफी ब्रोकिंग फर्मों ने इस शेयर के लिए अपने लक्ष्य भावों में वृद्धि की है, जिसके कारण शेयर भाव में तेजी दिख रही है।
एंजेल ब्रोकिंग के बैंकिंग विश्लेषक वैभव अग्रवाल के मुताबिक उन्होंने आईसीआईसीआई बैंक के लिए अपना लक्ष्य भाव 384 रुपये से बढ़ा कर 399 रुपये कर दिया है। अग्रवाल बताते हैं कि सोमवार को नतीजों के दिन बाजार बंद होने के बाद विश्लेषकों के साथ बातचीत में बैंक प्रबंधन ने बताया कि कारोबारी वर्ष 2015-16 में एनपीए के लिए प्रावधानों की लागत (प्रोविजनिंग कॉस्ट) घटने की उम्मीद कर रहे हैं।
साथ ही यह शेयर काफी सस्ता हो गया था, खास कर ऐक्सिस बैंक की तुलना में। अग्रवाल कहते हैं, "अब चूँकि प्रबंधन ने अनुमान जताया है कि साल 2015-16 बेहतर रहेगा, तो ऐक्सिस बैंक की तुलना में कम मूल्यांकन उचित नहीं लग रहा था। इसीलिए शेयर भाव में तुरंत यह तेजी देखने को मिली।"
इन नतीजों के बाद जारी रिपोर्ट में अंतरराष्ट्रीय ब्रोकिंग फर्म सीएलएसए ने आईसीआईसीआई बैंक के लिए 440 रुपये का लक्ष्य भाव रखते हुए इसे खरीदने की सलाह दी है। वहीं कोटक सिक्योरिटीज ने नतीजों के बाद खरीद रेटिंग देते हुए संशोधित लक्ष्य भाव 400 रुपये रखा है। (शेयर मंथन, 29 अप्रैल 2015)
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