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आईपीओ और स्टार्टअप के लिए सेबी ने आसान किये नियम

sebi.logo 11भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) निदेशक मंडल की बैठक में मंगलवार को स्टार्टअप और पहली बार बाजार से पूँजी जुटाने वाली कंपनियों को प्रोत्साहित करने के लिए कई नियमों को आसान बनाने का ऐलान किया गया है।

बैठक में न केवल आईपीओ (Initial Public Offer- IPO) लिस्टिंग की प्रक्रिया को आसान बनाने के प्रावधान किये गये हैं बल्कि 3000 से ज्यादा स्टार्टअप कंपनियों को बाजार से पूंजी जुटाने की मंजूरी भी दी गयी है।
लिस्टिंग पीरियड अब 6 दिन
सेबी ने कंपनियों के लिए एक्सचेंज में सूचीबद्ध कराने की 12 दिन की अवधि को घटाकर 6 दिन कर दिया है। नये नियम 1 जनवरी 2016 से लागू होंगे। इसके अलावा सेबी ने स्टार्टअप के लिए लॉक-इन पीरियड 3 साल से घटाकर 6 महीने कर दिया है। आमतौर पर कंपनियों को फंड जुटाने के लिए विदेशी निवेशकों की ओर रुख करना पड़ता है लेकिन फैसले के बाद अब घरेलू बाजार से ही उनकी वित्तीय जरूरतें पूरी हो जायेंगी।
सेबी में एफएमसी का विलय सितंबर तक
सेबी के चेयरमैन यूके सिन्हा ने उम्मीद जतायी है कि कमोडिटी रेगुलेटर वायदा बाजार आयोग (एफएमसी) का सेबी में विलय सितंबर तक हो जायेगा। इस विलय का ऐलान वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 2015-16 के बजट में किया था। विलय के बाद कमोडिटी मार्केट में तेज उतार-चढ़ाव पर नियंत्रण की उम्मीद है। इस विलय के बाद वायदा बाजार सीधे वित्त मंत्रालय की देखरेख में आ जायेगा।
निवेश की न्यूनतम सीमा 10 लाख रुपये
स्टार्टअप की सुविधा के लिए सेबी ने स्टार्टअप के लिए निवेश की न्यूनतम सीमा 10 लाख रुपये कर दी है। अब से टेक्नोलॉजी स्टार्टअप कंपनियों के प्री-इश्यू कैपिटल का 25 फीसदी हिस्सा संस्थागत निवेशक के पास ही होगा। (शेयर मंथन, 24 जून 2015)

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