जीरे में तेजी, हल्दी और धनिया में सुस्ती - एसएमसी

हल्दी वायदा (अगस्त) की कीमतों के 7,220-7,340 रुपये के दायरे में सीमित दायरे कारोबार करने की संभावना है।
कमजोर माँग और ऑर्डर के कारण इरोद बाजार में हल्दी की बिक्री और कीमत दोनों में गिरावट हुई है। यद्यपि कारोबारियों को कोई नया ऑर्डर नही मिला है, लेकिन मध्यम क्वालिटी की हल्दी की अच्छी-खासी खरीदारी की है। इरोद को-ऑपरेटिव मार्केटिंग सोयाइटी में फिंगर वेरायटी की कीमतों में 250 रुपये और रूट वेराइटी की कीमतों में 200 रुपये की गिरावट हुई है। वहीं रेगुलेटेड मार्केट कमिटी में फिंगर वेरायटी की कीमतों में 300 रुपये और रूट वेराइटी की कीमतों में 500 रुपये की गिरावट हुई है।
उधर जीरा वायदा (अगस्त) की कीमतों में 19,700 रुपये के स्तर पर सहारे के साथ तेजी का रुझान बरकरार रह सकता है। कारोबारियों का अनुमान है कि 2018-19 (अप्रैल-मार्च) में जीरे का कुल निर्यात पिछले वर्ष के 1,43,670 टन की तुलना में रिकॉर्ड 1,75,000 टन हो सकता है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में, भारत अच्छी क्वालिटी के जीरे का एकमात्रा निर्यातक बन गया है। क्योंकि तुर्की और सीरिया में प्रतिकूल मौसम से जीरे के उत्पादन में कमी के कारण विश्व बाजार में जीरे की आपूर्ति नही हो रही है। दूसरी ओर चीन, बांग्लादेश, दुबई और ताइवान की ओर से जीरे की माँग अधिक हो रही है।
धनिया वायदा (अगस्त) की कीमतों को 4,925 रुपये के स्तर पर सहारा रहने की संभावना है। मौजूदा बारिश के सीजन में उत्तर भारत के मसाला कारोबारी भारतीय धनिया की खरीदारी कर रहे हैं, क्योंकि बारिश के मौसम में आयातित धनिया पाउडर में नमी लगना शुरू हो गया है। (शेयर मंथन, 08 अगस्त 2018)