सोने और शेयर बाजार की तुलना अक्सर की जाती है। शेयर बाजार में हजारों कंपनियां और हजार से अधिक अवसर मौजूद होते हैं, जबकि सोना सिर्फ एक ही एसेट क्लास है और उसमें भी एक ही रूप – बुलियन। इसमें कोई अलग-अलग कंपनियों जैसा विकल्प नहीं होता। इसलिए इसे पोर्टफोलियो का केवल एक हिस्सा मानना चाहिए। सामान्यतः 5 से 8 प्रतिशत तक सोने को अपने निवेश पोर्टफोलियो में शामिल करना ठीक रहता है। जानें विश्लेषक से सोने में निवेश करने का सही समय?
बाजार विश्लेषक शोमेश कुमार का कहना है कि यह हिस्सा स्थायी हो सकता है और इससे निवेशक को मानसिक शांति भी मिलती है, क्योंकि सोना लंबी अवधि में सुरक्षित माना जाता है। शेयरों में कई गुना बढ़ने की संभावना रहती है, लेकिन सोने का स्वभाव चक्रीय (cyclical) है और इसमें तेज उछाल या गिरावट लंबे समय बाद आती है। सोना आप किसी भी रूप में ले सकते हैं – ईटीएफ, डिजिटल गोल्ड या भौतिक सोना। यह निवेश का वह हिस्सा है जो आपके पोर्टफोलियो को संतुलन और सुरक्षा देता है। लेकिन पूरी संपत्ति सोने में लगाने की सोच उचित नहीं है।
(शेयर मंथन, 19 अगस्त 2025)
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