आरबीआई (RBI) के फैसले से चिदंबरम (Chidambaram) नाखुश

ब्याज दरों में कटौती के मसले पर वित्त मंत्री पी चिदंबरम (P Chidambaram) और भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) के बीच खिंचाव बढ़ गया है।
चिदंबरम इस बात से नाराज हैं कि आरबीआई (RBI) ने ब्याज दरों में कटौती के उनके स्पष्ट संकेतों को नजरअंदाज कर दिया। आज आरबीआई ने अपनी ऋण और मौद्रिक नीति में अपनी नीतिगत ब्याज दरों, रेपो दर और रिवर्स रेपो दर में कटौती नहीं की। कल ही वित्त मंत्री ने साफ शब्दों में अपनी यह उम्मीद जतायी थी कि सरकारी घाटे पर नियंत्रण करने के सरकारी कदमों से आरबीआई संकेत लेगा। कल वित्त मंत्री ने केलकर समिति की सिफारिशों को मानते हुए अगले 5 सालों में सरकारी घाटे (Fiscal Deficit) पर नियंत्रण पाने की रूपरेखा सामने रखी थी। इससे वे आरबीआई को यह स्पष्ट संकेत दे रहे थे कि जब सरकार ने घाटा कम करने के बारे में अपने कदमों का खाका रख दिया है, तो अब आरबीआई को भी ब्याज दरों में कटौती करनी चाहिए। लेकिन आज अपनी समीक्षा बैठक में आरबीआई ने फिर से महँगाई दर ऊँची रहने पर चिंता जताते हुए ब्याज दरों को नहीं घटाया।  
आरबीआई के इस रुख पर आज वित्त मंत्री ने कहा कि विकास भी उतनी ही बड़ी चुनौती है, जितनी बड़ी चुनौती महँगाई है। उन्होंने आरबीआई पर कटाक्ष करते हुए कहा कि अगर सरकार को अकेले ही विकास की चुनौती का सामना करना है तो वह अकेले ही इस रास्ते पर बढ़ेगी। उनके इन तीखे शब्दों से स्पष्ट है कि विकास दर में गिरावट को थामने के लिए आरबीआई की ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद पूरी नहीं होने से उन्हें गहरी निराशा हुई है। 
आरबीआई ने अपनी दूसरी तिमाही की समीक्षा में कहा है कि आगे जब महँगाई दर घटेगी और सरकारी घाटे पर नियंत्रण होता दिखेगा तो अर्थव्यवस्था को ऊँची विकास दर की ओर ले जाने के लिए बाकी कदमों के साथ-साथ मौद्रिक उपाय भी किये जा सकेंगे। यह आरबीआई का स्पष्ट संकेत है कि जब तक महँगाई दर नहीं घटती और सरकारी घाटा कम होता नहीं दिखता, तब तक वह ब्याज दरों में कटौती के लिए तैयार नहीं है। 
लेकिन आरबीआई के इस रुख पर वित्त मंत्री ने कहा, "कभी-कभी बोलना सबसे अच्छा होता है, लेकिन कभी-कभी चुप रहना बेहतर होता है। यह समय चुप रहने का है।" आरबीआई ने दूसरी तिमाही की समीक्षा में रेपो दर (Repo Rate) और रिवर्स रेपो दर (Reverse Repo Rate) में कोई बदलाव नहीं किया है। रेपो दर 8.00% पर बरकरार है। इसी तरह रिवर्स रेपो दर को भी 7.00% पर बनाये रखा गया है। हालाँकि आरबीआई ने नकद आरक्षित अनुपात (CRR) में 0.25% अंक (25 बीपीएस) की कटौती की है। सीआरआर अब 4.50% से घट कर 4.25% पर आ गया है। (शेयर मंथन, 30 अक्टूबर 2012)