मेक इन इंडिया (Make In India) की सफलता के लिए बाधारहित टैक्स प्रणाली : राजस्व सचिव

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की महत्वाकांक्षी परियोजना मेक इन इंडिया (Make In India) को सफल बनाने और भारत में दुनिया भर के निवेशकों के लिए बेहतर माहौल तैयार करने के लिए सरकार कर प्रणाली में सुधार करने जा रही है।

राजस्व सचिव (Revenue Secretary) शक्तिकांत दास ने कहा है कि विदेशी निवेशकों के लिए भारत में एक फ्री ट्रेड, ड्यूटी फ्री और समुचित कर प्रणाली विकसित करने की योजना है। राजधानी दिल्ली में उद्योग संगठन सीआईआई (CII) के ग्लोबल टैक्स समिट (Global Tax Summit) को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि भारत की मौजूदा कर प्रणाली बाह्य निवेशकों के लिए मुश्किल पैदा करती है।

उन्होंने आगे कहा कि केंद्र की मौजूदा सरकार लोकसभा चुनाव के दौरान सामने रखे गये एजेंडा के तहत काम करना चाहती है, जिससे देश में रोजगार बढ़ सकें। इसके लिए कर सुधार जरूरी कदम है। साथ ही उन्होंने कर संरचना का विस्तार करने पर भी जोर दिया, जिससे कर चोरी करने वालों को भी कर दायरे में लाया जा सके। उन्होंने अर्थव्यवस्था में तेजी लाने के लिए सेवा कर में सार्थक पहल करने की बात कही। 

दास ने कहा कि हमें कर अदायगी में निरंतरता के अलावा कर प्रणाली का नये सिरे से आकलन करना होगा। साथ ही, कर विभागों की कार्यशैली और संस्कृति में सुधार लाना होगा, जिससे बिना रुकावट के काम हो सके। हालाँकि ऐसा एक दिन में संभव नहीं है, लेकिन सरकार इस ओर सार्थक कदम उठा रही है। उन्होंने आय कर छूट के ढाँचे में भी बदलाव के संकेत दिये। साथ ही उन्होंने कहा कि सीमा-शुल्क (कस्टम) विभाग में 24/7 समाधान का प्रयास होगा।

दास ने उम्मीद जतायी कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू होने से कर दायरे को फैलाने में मदद मिलेगी और भारत की विकास दर औसतन 10% के लक्ष्य की ओर बढ़ सकेगी। उन्होंने कहा कि जीएसटी का प्रयोजन उच्च टैक्स दर नहीं, बल्कि स्थिर टैक्स दर है।

उन्होंने जानकारी दी कि सरकार आयकर विवादों के समाधान के लिए पहले से चल रहे विवाद समाधान पैनल (DRP) के समानांतर एक नये डीआरपी का गठन करने जा रही है। इसे पूरे भारत में अलग से संचालित किया जायेगा। दास के मुताबिक पूर्व गठित पैनल बेहतर काम नहीं कर रहा है, इसलिए सरकार ने विवादों के तेजी से निपटारे के लिए यह कदम उठाया है।

दास के मुताबिक कर प्रणाली में सुधार और प्रबंधन के लिए गैर-सरकारी संगठनों की मदद की भी योजना है, जो विदेशी निवेशकों के लिए प्रतिबद्ध हो, ताकि निवेशकों के लिए एक बाधामुक्त माहौल तैयार हो सके। 

काला धन की समस्या पर उन्होंने कहा कि इस मसले को सुलझाने के लिए कई देशों के साथ संधियाँ प्रस्तावित हैं। साथ ही, उन्होंने कहा कि देश में या देश से बाहर जमा काले धन की समस्या से निपटने के लिए प्रशासनिक और कानून दोनों तरीके अपनाये जायेंगे। 

उन्होंने आस्ट्रेलिया के ब्रिस्बेन में हुए जी 20 सम्मेलन (G20 Summit) में काले धन पर शेयरिंग टैक्सेशन प्रणाली विकसित करने, कर संशोधन समेत सरकार द्वारा उठाये कई कदमों को सार्थक करार देते हुए कहा है कि कोई ऐसा फार्मूला नहीं है, जिससे काले धन का तुरंत समाधान हो जाये और न ही किसी एक फॉर्मूले से इसका समाधान संभव है। (शेयर मंथन, 17 दिसंबर 2014)