आरबीआई (RBI) ने रेपो दर को 0.50% अंक घटाया

raghuram rajanभारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) ने आखिरकार उद्योग जगत और सरकार की इच्छा के मुताबिक विकास में तेजी लाने के लिए ब्याज दरों में 0.50% अंक की कटौती कर दी है।

आज इस कारोबारी साल की मौद्रिक नीति की चौथी द्वैमासिक समीक्षा में इसने रेपो दर को घटा कर 6.75% कर दिया, जो मई 2011 से अब तक का इसका सबसे निचला स्तर है। आरबीआई ने बाजार की उम्मीदों से थोड़ा आगे बढ़ कर यह कटौती की है, क्योंकि उसके अब तक के संकोची रवैये को देखते हुए ज्यादातर जानकार 0.25% अंक की कटौती की ही उम्मीद करके चल रहे थे। रेपो दर वह ब्याज दर है, जिस पर आरबीआई व्यावसायिक बैंकों को बेहद छोटी अवधि के ऋण उपलब्ध कराता है।
रेपो दर में इस कटौती के साथ ही रिवर्स रेपो दर को घटा कर 5.75% कर दिया गया है, जबकि मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी (एमएसएफ) दर और बैंक दर (Bank Rate) अब 7.75% हो गयी है। नकदर आरक्षित अनुपात (CRR) में कोई बदलाव नहीं किया गया है और यह पहले की तरह 4% ही है।
आरबीआई ने अपने बयान में कहा है कि हाल के महीनों में उपभोक्ता महँगाई दर (Consumer Inflation) में नरमी आने के कारण इस समय रेपो दर में कटौती के लिए स्थितियाँ अनुकूल थीं। गौरतलब है कि पिछले दो महीनों में उपभोक्ता महँगाई दर (CPI) 3.66% और 3.69% रही है। वहीं थोक महँगाई दर अगस्त के महीने में शून्य से भी नीचे -4.95% पर थी। (शेयर मंथन, 29 सितंबर 2015)