विदेशी मुद्रा के मोर्चे पर 2016 के गर्भ में क्या है

आनंद राठी फाइनेंशियल सर्विसेज के प्रबंध निदेशक आमित राठी ने वर्ष 2016 में विदेशी मुद्रा भंडार के बारे में अनुमान लगाते हुए कहा है कि भारत का व्यापार घाटा 10 अरब डॉलर के मासिक औसत दायरे में बने रहने की संभावना है।

भारत वर्ष 2015 में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश आकर्षित करने में शेष देशों को पीछे छोड़ चुका है। वर्ष 2016 में भी इस प्रवृत्ति के बने रहने की संभावना है। विदेशी संस्थागत निवेश के मामले में 2015 के उत्तरार्ध में निकासी देखी गयी। लेकिन हमारी राय है कि 2016 में यह प्रवृत्ति पलटेगी और तब विदेशी संस्थागत निवेशकों की ओर से निवेश आने की उम्मीद है। इसके अलावा अमेरिकी ब्याज दरों में कमी के होने वाला ऐतिहासिक निवेश भी इसका साथ देगा। इस आधार पर अनुमान है कि भुगतान संतुलन सकारात्मक दायरे में रहेगा जिससे रुपया/डॉलर विनिमय दर में स्थिरता आयेगी। (शेयर मंथन, 23 दिसंबर, 2015)