भारतीय बाजारों में आशावाद घटा है

अरुण केजरीवाल, निदेशक, क्रिस

कल वैश्विक शेयर बाजारों का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा। एशियाई बाजारों में गिरावट दर्ज की गयी। आज भी एशियाई बाजारों में मिले-जुले हालात हैं। ऐसे में भारतीय बाजारों में आशावाद की कमी दिख रही है। आज भारतीय बाजारों में कारोबार की मात्रा कम रहने के आसार हैं। जब कारोबार की मात्रा कम हो जाती है, तो आमतौर पर बाजार में नरमी दिखने लगती है।

सत्यम कंप्यूटर्स के शेयरों में गिरावट जारी रहने की उम्मीद है। बुधवार को सत्यम के घटनाक्रम के बाद से अभी तक इससे संबंधित बातें पूरी तरह स्पष्ट नहीं हो पायी हैं। दूसरी बात यह कि दिसंबर तिमाही के नतीजे शुरू होने से पहले आज आखिरी कारोबारी दिन है। हालांकि सत्यम के घटनाक्रम से पहले सबका अनुमान था कि नतीजे कमजोर रहेंगे और यह बात बाजार की भावना में शामिल थी। लेकिन इस घटनाक्रम के बाद स्थिति वैसी नहीं रह गयी है। इससे पहले बाजार में धीरे-धीरे आशावाद बढ़ता जा रहा था। अब सवाल यह उत्पन्न हो रहा है कि कितने कमजोर को कमजोर कहा जाये। कितने खराब नतीजे को खराब कहा जाये। यदि बुधवार की बात करें, तो न केवल कारोबार की बड़ी मात्रा रही, बल्कि काफी समय के बाद पहली बार विदेशी संस्थागत निवेशकों की ओर से पहली बार चार अंकों में बिक्री की गयी। उस दिन उन्हीं शेयरों की ज्यादा पिटाई हुई, जिनके लेखा-मानकों के प्रति या फिर कॉरपोरेट गवर्नेंस के प्रति पिछले तीन-चार महीनों में संदेह की स्थिति दिखती रही है।