उर्जित पटेल (Urjit Patel) के इस्तीफे पर दुख है, आश्चर्य नहीं : चिदंबरम

पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम (P. Chidambaram) ने भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) के गवर्नर उर्जित पटेल (Urjit Patel) के त्यागपत्र पर कहा है कि उन्हें इसका दुख है, लेकिन इससे कोई आश्चर्य नहीं हुआ है।

अपने ट्वीट में चिदंबरम ने कहा, "कोई भी आत्मसम्मान वाला विद्वान या अकादमिक व्यक्ति इस सरकार के साथ काम नहीं कर सकता है।" उन्होंने आगे कहा कि डॉ. पटेल को 19 नवंबर को ही त्यागपत्र दे देना चाहिए था। दरअसल 19 नवंबर को आरबीआई (RBI) के निदेशक बोर्ड की बैठक हुई थी, जिसमें कई अहम फैसले लिये गये थे। वह बोर्ड बैठक सरकार और आरबीआई के बीच गंभीर मतभेदों की अटकलों के बीच हुई थी, हालाँकि उस बैठक के बाद ऐसा माना जा रहा था कि विवादों को सुलटा लिया गया है।
चिदंबरम ने आगे कहा, "डॉ. पटेल ने शायद सोचा होगा कि सरकार अपने कदम पीछे खींच लेगी। मुझे पता है कि सरकार ऐसा नहीं करेगी। यह अच्छा है कि उन्होंने एक और मानमर्दन वाली बैठक से पहले पद छोड़ दिया।" इसके बाद अगले ट्वीट में उन्होंने कहा, "कोई गलती न करें। यह सरकार आरबीआई को बोर्ड से प्रबंधित होने वाली कंपनी बना देना चाहती है। सरकार का तात्कालिक एजेंडा आरबीआई की आरक्षित निधि को हड़पना है, ताकि यह राजकोषीय घाटे (फिस्कल डेफिसिट) के लक्ष्य को पूरा कर सके और एक चुनावी वर्ष में खर्च करने के लिए कोष जुटा सके।" (शेयर मंथन, 10 दिसंबर 2018)