पुलवामा आतंकी हमले को लेकर भारतीय चाय निर्यातक पाकिस्तान को निर्यात रोकने पर सहमत

भारत ने जम्मू-कश्मीर में पुलवामा आतंकी हमले के बाद दो पड़ोसियों के बीच बढ़ते तनाव के मद्देनजर पाकिस्तान को चाय का निर्यात रोक दिया है।

पुलवामा आतंकी हमले में 40 अर्धसैनिक बल के जवानों ने शहादत दी है। निर्यातक संघ, केंद्र सरकार के किसी भी फैसले के साथ खड़ा हुआ है। इस मामले में उसे चाहे जो भी नुकसान उठाना पड़े वो तैयार है।
यह पूछे जाने पर कि यदि सरकार द्विपक्षीय व्यापार पर दरवाजा बंद करती है, तो क्या भारतीय चाय निर्यातक संघ (ITEA) पाकिस्तान को सीमा पार से शिपमेंट रोकने के लिए तैयार है। आईटीईए के अध्यक्ष अंशुमान कनोरिया ने कहा कि बेशक, हम तैयार हैं। राष्ट्र और सुरक्षा, हमारी सेना और देशवासी पहले आते हैं और व्यापार मेरे लिए गौण है।
कनोरिया ने कहा कि 1989 से ही राज्य में आतंकवाद के बाद से सेना के खिलाफ जम्मू-कश्मीर में हमले के लिए प्रतिशोध में केंद्र सरकार के किसी भी फैसले का चाय निर्यातकों द्वारा समर्थन किया जाएगा।
एक आत्मघाती हमलावर ने गुरुवार को पुलवामा जिले में जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग पर केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की बस में विस्फोटकों से भरी अपनी एसयूवी को टक्कर मार दी।
कनोरिया ने कहा कि भीषण आतंकी हमले के बाद, हमने व्यावसायिक प्रभाव के बारे में सोचने की जहमत नहीं उठाई है। राष्ट्र पहले आता है और जब इस तरह की घटना होती है, तो आप वास्तव में सरकार से मार्गदर्शन की प्रतीक्षा कर रहे हैं। बाजार का क्या होगा यह पूरी तरह से गौण है।
उन्होंने कहा, "भले ही पाकिस्तान द्वारा चाय का निर्यात हमले के प्रतिशोध में लिए गए किसी भी निर्णय के परिणामस्वरूप प्रभावित होता है, हम सरकार के इस निर्णय के बावजूद हमारे वाणिज्य पर संभावित प्रतिकूल प्रभाव के बावजूद खड़े होंगे।"
इकोनिंग कानोरिया, इंडिया टी एसोसिएशन के अध्यक्ष विवेक गोयनका ने आईएएनएस को बताया, "जब भी दोनों देशों के बीच तनाव होता है, निर्यात प्रभावित होता है। हमने देखा है कि अतीत में भी।
"हालांकि, हम इसके फैसलों के लिए केंद्र सरकार का पूरा समर्थन करते हैं। देश की सुरक्षा कहीं अधिक महत्वपूर्ण है।"
टी बोर्ड के आँकड़ों के अनुसार, 2018 के दौरान पाकिस्तान को निर्यात 158.3 करोड़ किलोग्राम रहा, जो पिछले वर्ष के दौरान भेजे गए 147.3 करोड़ किलोग्राम से लगभग 7.5% अधिक था। कैलेंडर वर्ष 2018 के दौरान निर्यात पिछले वर्ष के 142.44 करोड़ के मुकाबले 154.71 करोड़ रुपये था।
यह हमला गुरुवार दोपहर करीब 3:15 बजे हुआ जब जैश-ए-मोहम्मद (जेएम) से जुड़े एक 'फिदायीन' बमवर्षक ने पुलवामा के लेथला इलाके में सीआरपीएफ के जवानों को ले जा रही बस में अपनी विस्फोटक से भरी एसयूवी घुसा दी।
78 वाहनों का सीआरपीएफ काफिला जम्मू से श्रीनगर आ रहा था। काफिले में सीआरपीएफ के 2,547 जवान शामिल थे।
यह हमला तब भी हुआ जब 48 घंटे पहले एक खुफिया इनपुट ने इसकी संभावना के बारे में चेतावनी दी थी। (शेयर मंथन, 16 फरवरी 2019)