केंद्र सरकार ने लगातार दूसरे वित्त वर्ष में पार किया विनिवेश लक्ष्य (Disinvestment Target)

केंद्र सरकार ने चालू वित्त वर्ष के लिए रखे गये 80,000 करोड़ रुपये के विनिवेश लक्ष्य (Disinvestment Target) को पूरा कर लिया है।

80,000 करोड़ रुपये के लक्ष्य के मुकाबले विनिवेश के माध्यम से मिलने वाली पूँजी करीब 85,000 करोड़ रुपये पहुँच गयी। निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (डीआईपीएएम) ने ट्वीट के जरिये यह जानकारी दी है। डीआईपीएएम ने विनिवेश लक्ष्य पूरा करने के लिए 28 सौदे किये। यह लगातार दूसरा वित्त वर्ष है, जिसमें सरकार ने लक्ष्य से अधिक विनिवेश पूँजी हासिल की है।
पिछले वित्त वर्ष में सरकार ने 72,500 करोड़ रुपये के तय लक्ष्य की तुलना में लगभग 1 लाख करोड़ रुपये की राशि जुटाने में सफलता हासिल की थी। इसकी महत्वपूर्ण वजह ओएनजीसी द्वारा एचपीसीएल में सरकार की 51% हिस्‍सेदारी का अधिग्रहण करना रहा था। इस अधिग्रहण से सरकार को 37,000 करोड़ रुपये की पूँजी मिली थी।
बता दें कि चालू वित्त वर्ष में 28 फरवरी तक सरकार ने विनिवेश के जरिये 56,473 करोड़ रुपये जुटाये थे। इसके बाद सरकारी कंपनियों पावर फाइनेंस और आरईसी के बीच 14,500 करोड़ रुपये का सौदा पूरा हो गया, जिसके तहत पावर फाइनेंस, आरईसी की 52.63% का अधिग्रहण करेगी।
वहीं शुक्रवार 22 मार्च को बंद हुए केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उद्यम (सीपीएसई) एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) के चौथे फर्दर फंड ऑफर (FFO) या एफएफओ को करीब 8 गुना आवेदन मिले हैं। सरकार को 3,500 करोड़ रुपये के मूल इश्यू की तुलना में एंकर निवेशकों सहित 28,000 करोड़ रुपये के आवेदन भेजे गये, जिसमें सरकार ने अपने पास 10,000 करोड़ रुपये रखने का निर्णय लिया है।
लगातार दूसरे कारोबारी साल में विनिवेश लक्ष्य पूरा होने के मद्देनजर सरकार ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए लक्ष्य राशि बढ़ा कर 90,000 करोड़ रुपये कर दी है। बता दें कि चालू वित्त वर्ष में सरकार ने कई सरकारी बैंकों और कंपनियों के बायबैक (शेयरों की वापस खरीद), आईपीओ (आरंभिक सार्वजनिक पेशकश), ऑफर-फॉर-सेल और ईटीएफ के जरिये विनिवेश किया। (शेयर मंथन, 23 मार्च 2019)