महँगाई की दोहरी मार, खुदरा म‍हँगाई के बाद थोक महँगाई दर (WPI) में इजाफा

महँगाई के मामले में जनता के लिए एक और बुरी खबर आयी है।

मार्च में खाद्य वस्तुओं और ईंधन कीमतों में बढ़ोतरी के कारण खुदरा म‍हँगाई के बाद थोक महँगाई दर (WPI) में भी बढ़ोतरी हुई है। मार्च में लगातार दूसरे महीने थोक महँगाई दर बढ़ कर 3.18% हो गयी। इससे पहले फरवरी में यह 2.93% और मार्च 2018 में 2.74% दर्ज की गयी थी। मार्च में सब्जियों की कीमतों में तेजी से बढ़ोतरी के कारण खाद्य उत्पादों के दाम बढ़े।
महीना दर महीना आधार पर सब्जियों पर थोक महँगाई दर 6.82% बढ़ कर 28.13% पर पहुँच गयी। हालाँकि आलू पर थोक महँगाई 23.40% से गिर कर 1.30% रह गयी। वहीं ईंधन तथा ऊर्जा की थोक महँगाई दर 2.23% से बढ़ कर 5.41% हो गयी।
इससे पहले खुदरा महँगाई दर भी लगातार दूसरे महीने बढ़ कर फरवरी में 2.57% के मुकाबले मार्च में 2.86% हो गयी। जनवरी में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित खुदरा महँगाई दर 1.97% रही थी, जो पिछले 19 महीने का निचला स्तर था। जनवरी तक खुदरा महँगाई दर में लगातार चार महीनों में गिरावट आयी थी। गौरतलब है कि खाद्य पदार्थों और ईंधन की कीमतें बढ़ने के कारण ही खुदरा महँगाई दर बढ़ी। (शेयर मंथन, 15 अप्रैल 2019)