आरबीआई (RBI) ने वित्त वर्ष 2018-19 में रद्द किये 1,701 एनबीएफसी के लाइसेंस

खबरों के अनुसार आरबीआई (RBI) ने वित्त वर्ष 2018-19 में 1,701 एनबीएफसी (गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी) के लाइसेंस रद्द किये।

केंद्रीय बैंक ने न्यूनतम पूँजी आवश्यकताओं को पूरा न कर पाने के कारण इन कंपनियों के खिलाफ यह कार्रवाई की। इसके मुकाबले 2018-18 में आरबीआई ने केवल 26 एनबीएफसी कंपनियों के लाइसेंस रद्द किये थे।
दरअसल आरबीआई ने आईएलऐंडएफएस (IL&FS) के कर्ज लौटाने में असफल होने के कारण सामने आये संकट के बाद इनमें से 779 कंपनियों के लाइसेंस अक्टूबर और नवंबर में ही रद्द किये। आईएलऐंडएफएस के कर्ज लौटाने में चूक जाने पर अन्य एनबीएफसी कंपिनयों के सामने पूँजी की समस्या आ गयी थी, जिसका नकारात्मक असर पूरे सेक्टर पर पड़ा था।
गौरतलब है कि एनबीएफसी को लेकर पहली इतने सख्त नियम नहीं थे, मगर अब स्थिति बदल रही है। केंद्रीय बैंक ने इन कंपनियों की संपत्ति-देयता (Asset-Liability) और जोखिम प्रबंधन ढाँचे की निगरानी के लिए नये नियम बनाने का प्रस्ताव रखा है।
लाइसेंस रद्द होने के बावजूद एनबीएफसी अस्तित्व में रह सकती हैं, मगर जानकार मानते हैं कि बैंक या बाजार से पूँजी जुटाने में असमर्थ होने के कारण ये धीरे-धीरे समाप्त हो जायेंगी। एक बार लाइसेंस खो देने के बाद न तो बैंक इन एनबीएफसी के पोर्टफोलियो खरीदते हैं और न ही वे इन्हें कर्ज देते हैं।
बता दें कि जानकारों ने भविष्य में और भी कई एनबीएफसी के लाइसेंस रद्द होने की आशंका जतायी है। (शेयर मंथन, 11 जुलाई 2019)