ई-कॉमर्स कंपनियाँ नहीं दे सकेंगी उत्पादों पर छूट, सरकार ने तैयार किया नया बिल

उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय द्वारा तैयार किये गये एक नये बिल के तहत ई-कॉमर्स कंपनियाँ अपने ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर बेचे जा रहे उत्पादों की कीमतों को प्रभावित नहीं कर सकेंगी।

निष्पक्ष व्यापार व्यवहार को मद्देनजर रखते हुए सरकार ई-कॉमर्स कंपनियों द्वारा दी जाने वाली भारी छूट पर लगाम लगाने की तैयारी में है। मंत्रालय ने 'उपभोक्ता सुरक्षा (ई-कॉमर्स) नियम, 2019 का मसौदा जारी किया है। सरकार ने इस पर 2 दिसंबर तक टिप्पणी मांगी है। उपभोक्ता मामलों का मंत्रालय उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के तहत ये नियम लागू करेगा, जिसे संसद द्वारा पारित कर दिया गया है।
खबरों के अनुसार कारोबारियों के संगठन अखिल भारतीय व्यापारी परिसंघ (सीएआईटी) ने इस मसौदे के नियमों का स्वागत किया है। सीएआईटी ने कहा है कि प्रस्तावित ढाँचे से ई-कॉमर्स कंपनियाँ ग्राहकों के प्रति अधिक पारदर्शी और जवाबदेह होंगी। कंपनियों द्वारा दी जा रही भारी छूट के चलते विदेशी निवेश से जुड़े नियमों का उल्लंघन तो नहीं हो रहा, सरकार इसकी जाँच भी कर रही है।
नये नियमों के मुताबिक ई-कॉमर्स कंपनियाँ कीमतों पर प्रभाव नहीं डाल सकेंगी, खुद ही फर्जी ग्राहक बनकर उत्पाद या सेवा का रिव्यू नहीं डाल पायेंगी, नयी ई-कॉमर्स कंपनी को 90 दिनों के भीतर अपना पंजीकरण करवाना होगा और अपनी वेबसाइट पर विक्रेता का नाम, पता, वेबसाइट, ईमेल और फोन नंबर आदि की जानकारी देनी होगी। (शेयर मंथन, 13 नवंबर 2019)