अक्टूबर में आईआईपी (IIP) दर फिसल कर -3.8%

अर्थव्यवस्था की गतिविधियों में तेजी या सुस्ती के संकेतक औद्योगिक उत्पादन सूचकांक में अक्टूबर में भी कमजोरी दर्ज की गयी।

यह लगातार तीसरा ऐसा महीना है जब औद्योगिक उत्पादन में सिकुड़न रही है। सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय (Ministry of Statistics and Programme Implementation) की ओर से जारी आँकड़ों के मुताबिक अक्टूबर 2019 में औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (Index of Industrial Production) या आईआईपी (IIP) दर -3.8% रही। सितंबर 2019 में आईआईपी दर -4.3% रही थी। इससे पहले अगस्त में आईआईपी दर -1.1% रही थी। यदि अप्रैल-अक्टूबर 2019 की अवधि की बात करें तो इस दौरान आईआईपी दर 0.5% रही है, जबकि अप्रैल-अक्टूबर 2018 में यह 5.7% रही थी।
बता दें कि औद्योगिक उत्पादन से देश के व्यापार परिदृश्य में आर्थिक गतिविधि का अनुमान लगाया जाता है। जून 2017 के बाद पहली बार अगस्त 2019 में आईआईपी दर नकारात्मक हुई थी। इससे पहले जुलाई में आईआईपी वृद्धि दर 4.3%, जून में 1.2% और मई में 4.6% रही थी।
ताजा आँकड़ों के मुताबिक अक्टूबर 2019 में कुल 23 विनिर्माण उद्योग समूहों में से 18 समूहों में सिकुड़न दर्ज की गयी। अक्टूबर में विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर -2.1% रही, जो सितंबर में -3.9% रही थी। वहीं खनन क्षेत्र की वृद्धि दर सितंबर के -8.5% के मुकाबले अक्टूबर में -8% रही। इसके अलावा विद्युत उत्पादन की आईआईपी दर सितंबर के -2.6% की तुलना में अक्टूबर में -12.2% रही। (शेयर मंथन, 13 दिसंबर 2019)