लगातार 5वीं बार ब्याज दरों में बदलाव नहीं,रेपो रेट 6.50% पर बरकरार

6 दिसंबर से चल रही तीन दिवसीय बैठक के आखिरी दिन भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की एमपीसी (MPC) यानी मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी ने ब्याद दरों में कोई बदलाव नहीं करने का फैसला लिया है। आरबीआई ने रेपो रेट 6.50% पर बरकरार रखने का फैसला किया है।

 एमपीसी के सभी सदस्य दरें स्थिर रखने के पक्ष में थे। वहीं कमिटी के 6 में से 5 सदस्य अकोमोडेटिव रुख वापस लेने के पक्ष में दिखे। SDF रेट 6.25%, तो MSF रेट भी 6.75% पर बरकरार है। भारतीय रिजर्व बैंक के मुताबिक वैश्विक अर्थव्यवस्था में धीमी वृद्धि के संकेत देखने को मिल रहे हैं। घरेलू अर्थव्यवस्था का प्रदर्शन बेहतर है। दूसरी तिमाही के जीडीपी आंकड़े अनुमान से बेहतर रहे हैं। खाद्य कीमतों में बढ़ोतरी से नवंबर, दिसंबर महंगाई बढ़ने की चिंता है। घरेलू मांग से भारतीय अर्थव्यवस्था में तेजी जारी रहने की उम्मीद है। आरबीआई के मुताबिक अक्टूबर में 8 कोर इंडस्ट्री की ग्रोथ भी बेहतर रही है। वहीं लागत खर्च में कमी से मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर मजबूत दिख रहा है। ग्रामीण मांग में सुधार देखने को मिल रहा है। सरकारी खर्च बढ़ने से निवेश की रफ्तार में तेजी देखी गई है। त्योहारी के दौरान मांग में बढ़ोतरी से घरेलू खपत में वृद्धि हुई है। जहां तक वित्त वर्ष 2024 में जीडीपी का अनुमान है तो आरबीआई ने इसे 6.5% से बढ़ाकर 7% कर दिया है। वहीं तीसरी तिमाही में GDP अनुमान 6% से बढ़ाकर 6.4% किया गया है। आरबीआई ने वैश्विक स्तर पर शुगर कीमतों में बढ़ोतरी को लेकर चिंता जताई है। वहीं FY24 के लिए महंगाई दर का अनुमान 5.4% पर बरकरार रखा है। आरबीआई का महंगाई दर 4% पर लाने के लिए प्रयास जारी है।
एमपीसी के मुताबिक सरकारी खर्च बढ़ने से लिक्विडिटी की स्थिति सुधरेगी। लॉन्ग टर्म गिल्ट यील्ड आंकड़ों से ग्लोबल यील्ड में कमी के संकेत देखने को मिले हैं। भारतीय रिजर्व बैंक के मुताबिक दूसरे करेंसी के मुकाबले रुपए में उतार-चढ़ाव कम है। जहां तक विदेशी मुद्रा भंडार का सवाल है तो यह 1 दिसंबर तक 60,400 करोड़ ड़ॉलर है। वहीं 6 दिसंबर तक नेट FPI इनफ्लो 2490 करोड़ डॉलर है। आरबीआई ने कहा है कि कनेक्टेड लेंडिंग पर यूनिफाइड रेगुलेटरी फ्रेमवर्क लाई जाएगी। यूपीआई (UPI) का दायरा बढ़ाते हुए हॉस्पिटल खर्चे के भुगतान और शिक्षण संस्थानों में फी भुगतान के लिए लिमिट बढ़ाकर 5 लाख रुपये करने का फैसला लिया है।
आरबीआई भारत में फाइनेंशियल सेक्टर के लिए क्लाउड फैसिलिटी शुरू करेगा। वहीं आरबीआई ने अप्रैल 2024 तक फिनटेक रिपॉजिटरी शुरू करने की बात कही है। अगली मॉनेटरी पॉलिसी की बैठक 6-8 फरवरी को होगी। MPC  के मिनट्स 22 दिसंबर को जारी होंगे।

(शेयर मंथन, दिसंबर 2023)