2023 में आईपीओ से पैसे जुटाने में आयी 17% गिरावट : प्राइमडाटाबेस

साल 2023 में पूँजी बाजार से पैसे जुटाने के मामले में 17% की गिरावट आयी है। यह जानकारी प्राथमिक पूँजी बाजार पर आँकड़े जुटाने वाली संस्‍था प्राइमडाटाबेस की हालिया रिपोर्ट में दी गयी है।

रिपोर्ट के मुताबिक बीते साल 57 भारतीय कारोबारी संस्‍थानों ने प्राथमिक बाजार के माध्‍यम से 49, 434 करोड़ जुटाये, जो 2022 में 40 आईपीओ से जुटायी गयी 59,302 करोड़ रुपये की राश‍ि के मुकाबले 17% कम है। हालाँकि 2022 में आये एलआईसी के आईपीओ को हटा दिया जाये तो आईपीओ से जुटायी गयी राश‍ि में 28% की बढ़ोतरी हुई है।

प्राइम डाटाबेस समूह के प्रबंध निदेशक प्रणव हल्‍द‍िया ने कहा कि व्‍यापक तौर से देखा जाये तो 2023 में 2022 के 90,886 करोड़ रुपये के मुकाबले 59% बढ़ कर 1,44,283 करोड़ रुपये पर पहुँच गयी।

बीते साल का सबसे बड़ा आईपीओ मैनकाइंड फार्मा का था, जिसका आकार 4236 करोड़ रुपये का था। इसके बाद का स्‍थान टाटा टेक्‍नोलॉजी और जेएसडब्‍लू इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर के आईपीओ के पास रहा, जो क्रमश: 3043 करोड़ और 2800 करोड़ रुपये के थे। उदयश‍िवकुमार इंफ्रा का 66 करोड़ रुपये का आईपीओ साल का सबसे छोटा प्राथमिक सार्वजनिक निर्गम था।

2024 में 63 कंपनियों के आईपीओ आने का अनुमान है, ज‍िसमें से 27 कंपनियों को सेबी की मंजूरी मिल चुकी है। अपने निर्गम के जरिये कंपनियाँ 28500 करोड़ रुपये जुटाना चाहती हैं। इसके अलावा शेष 36 कंपन‍ियाँ 40,500 करोड़ रुपये जुटाने के मकसद से बाजार नियामक सेबी की मंजूरी का इंतजार कर रही हैं। हल्दिया ने कहा कि आम चुनाव से पहले अगले कुछ महीनों में कई कंपनियों के आईपीओ आयेंगे।

(शेयर मंथन, 04 जनवरी 2024)