भारतीय शेयर बाजार में निवेशकों की रुचि लगातार बढ़ रही है। मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज (MOFSL) की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, फरवरी 2025 तक देश में डीमैट खातों की कुल संख्या 19 करोड़ के आँकड़े को पार कर गयी। हालाँकि, इस दौरान डीमैट खातों में वृद्धि की रफ्तार 21 महीने में सबसे कम रही।
एमओएफएसएल द्वारा सोमवार को जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय निवेशक शेयर बाजार में निवेश को लेकर पहले से कहीं अधिक जागरूक और सक्रिय हो रहे हैं। हालाँकि साथ ही यह जानकारी भी सामने आयी है कि फरवरी में डीमैट खातों के बढ़ने की रफ्तार 21 महीने में सबसे कम हो गयी। इससे पता चलता है कि बाजार में 5 महीने से जारी गिरावट के कारण नये निवेशकों की धारणा प्रभावित हो रही है।
एमओएफएसएल की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले कुछ सालों में डीमैट खातों की संख्या में तेजी से वृद्धि देखी गयी है। डिजिटल मंचों की बढ़ती पहुँच, निवेश के प्रति जागरूकता और ट्रेडिंग की आसान ऑनलाइन सुविधाओं ने इस वृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है। इसके अलावा, म्यूचुअल फंडों और सिप में बढ़ते निवेश ने भी डीमैट खातों की संख्या बढ़ायी है।
एक साल में हुई 4.2 करोड़ की वृद्धि
शेयर बाजार में निवेश करने के लिए डीमैट खाते जरूरी होते हैं। नोट के अनुसार, साल भर पहले यानी फरवरी 2024 में डीमैट खातों की संख्या 14.8 करोड़ पर थी, यानी बीते साल भर में डीमैट खातों की संख्या में 4.2 करोड़ की वृद्धि हुई है। पिछले साल सितंबर महीने में इनकी संख्या 17.5 करोड़ पर थी। भारतीय बाजार सितंबर के अंत में ही उच्च स्तर पर गये थे और उसके बाद से लगातार गिर रहे हैं। गिरावट के इन 5 लगातार महीनों में डीमैट खातों की संख्या में 1.5 करोड़ की तेजी आयी है। देश में डीमैट खातों की संख्या पहली बार पिछले साल नवंबर में 18 करोड़ के पार निकली थी।
पिछले महीने इतनी बढ़ी संख्या
आँकड़े बताते हैं कि फरवरी महीने के दौरान डीमैट खातों की संख्या में वृद्धि भले ही बरकरार है, लेकिन बाजार की गिरावट ने वृद्धि की रफ्तार कम कर दी है। फरवरी महीने के दौरान इनकी संख्या में 23 लाख की वृद्धि हुई। यह बीते 21 महीने में सबसे कम है। इससे पहले जनवरी महीने में डीमैट खातों की संख्या में 28 लाख की वृद्धि हुई थी। पिछले साल के दौरान ऐसा कोई महीना नहीं रहा था, जब डीमैट खातों की संख्या में कम से कम 31 लाख की वृद्धि नहीं हुई हो।
फरवरी में इतना गिरा शेयर बाजार
फरवरी 2025 में डीमैट खातों की संख्या में यह वृद्धि ऐसे समय में आयी, जब भारतीय शेयर बाजार में भारी उतार-चढ़ाव देखा गया। निफ्टी सूचकांक में बीते महीने के दौरान 5.9% की मासिक गिरावट दर्ज की गयी, जो मार्च 2020 के बाद दूसरी सबसे बड़ी मासिक गिरावट है। इसके बावजूद, डीमैट खातों की बढ़ती संख्या इस बात का संकेत है कि निवेशक बाजार की अस्थिरता से डरे नहीं हैं और लंबी अवधि के निवेश के प्रति उनका भरोसा बरकरार है।
छोटे शहरों में भी बढ़ रहा रुझान
मोतीलाल ओसवाल की रिपोर्ट के अनुसार, डीमैट खातों में यह वृद्धि न केवल मेट्रो शहरों तक सीमित है, बल्कि छोटे शहरों और कस्बों से भी बड़ी संख्या में नये निवेशक शेयर बाजार से जुड़ रहे हैं। डिजिटल ट्रेडिंग ऐप और कम ब्रोकरेज शुल्क ने छोटे एवं मध्यम आय वर्ग के लोगों के लिए बाजार में प्रवेश को आसान बनाया है। साथ ही, युवा पीढ़ी के बीच निवेश को लेकर बढ़ती जागरूकता ने भी इस रुझान को बढ़ावा दिया है।
(शेयर मंथन, 18 मार्च 2025)
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