नये ऑर्डर के दम पर मार्च में विनिर्माण पीएमआई 8 महीने के शिखर पर पहुँची : एचएसबीसी की रिपोर्ट

भारत में विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि 8 महीनों की रिकॉर्ड ऊँचाई पर पहुँच गई है। एचएसबीसी इंडिया मैन्युफैक्चरिंग पर्चेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स के आँकड़े बताते हैं कि देश में विनिर्माण की रफ्तार तेजी से बढ़ रही है। मार्च में विनिर्माण पीएमआई 8 महीनों की ऊँचाई के साथ 58.1 पर पहुँच गई है, जबकि बाजार को 57.6 पर रहने की अनुमान था।

पिछले महीने में ये ही 56.3 के स्तर पर थी। बड़ी बात ये है कि मार्च के आँकड़े पिछले साल जुलाई के बाद सबसे ज्यादा हैं। आँकड़ों से साफ है कि सेक्टर की सेहत सुधर रही है और लंबी अवधि में ज्यादा वृद्ध की उम्मीद को भी बल मिलता है। खास बात ये है कि पीएमआई का आँकड़ा अगर 50 से अधिक है तो इसका मतलब है कि मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में सुधार हो रहा है। वहीं, 50 से नीचे का पीएमआई आँकड़ा सेक्टर में गिरावट का संकेत है।

क्या हैं ग्रोथ की वजहें?

आँकड़े बता रहे हैं कि मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई की इस बढ़त में सबसे ज्यादा मदद उसके सबसे बड़े सब-कंपोनेंट न्यू ऑर्डर्स इंडेक्स ने की है। मार्च में कुल बिक्री पिछले साल जुलाई के बाद सबसे ज्यादा बढ़ी है। आँकड़े बताते हैं कि मार्च में कंपनियों को उनकी अच्छी रणनीति का फायदा मिला है।

घट रही है इन्वेंटरी

कंपनियों ने संकेत दिए हैं कि बढ़ती बिक्री से उनकी इन्वेंटरी में भी गिरावट आई है। साफ है कि सरकार के इस सेक्टर में दिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना का फायदा अब दिखना शुरू हो चुका है। वहीं, इस सेक्टर ने संभावित झटकों से निपटने के लिए भारतीय विनिर्माणकर्ताओं ने मार्च में खरीदारी बढ़ायी है। इनपुट्स में भी बीते सात महीनों में सबसे ज्यादा वृद्धि देखने को मिल रही है जो सीरिज के औसत से भी ज्यादा है।

(शेयर मंथन, 03 अप्रैल 2025)

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