
व्यापार जगत में वैश्विक स्तर पर अनिश्चितता के बीच शेयर बाजार अस्थिरता के दौर से गुजर रहा है। अमेरिकी पारस्परिक टैरिफ में अस्थायी तौर पर राहत मिली है, मगर अमेरिकी राष्ट्रपति के फरमानों को लेकर अनिश्चितता बरकरार है। ऐसे में शेयर बाजार के निवेशकों के पोर्टफोलियो को सुरक्षा का मार्जिन देने के लिए ब्रोकरेज कंपनी मोतीलाल ओसवाल वेल्थ मैनेजमेंट ने 6 महीने के नजरिये से 5 उच्च लाभांश उपज (डिविडेंड यील्ड) वाले स्टॉक की बास्केट (टोकरी या समूह) पेश किया है।
ब्रोकरेज कंपनी ने इस बास्केट में ऐसे चुनिंदा स्टॉक रखे हैं, जिनमें अगले 6 महीने में अच्छी लाभांश आय होने का अनुमान है। इन कंपनियों ने पहले भी निवेशकों को निरंतर लाभांश दिया है और भविष्य में भी इनके द्वारा अच्छा डिविडेंड भुगतान करने का अनुमान है। बास्केट में मौजूद सभी स्टॉक का भार 20% है।
इन कंपनियों के पास कैश यानी नकद की समस्या नहीं है और 6 महीने की अवधि में इनमें 10-15% की तेजी आ सकती हैं। इनमें आईटीसी, पावरग्रिड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया, कोल इंडिया, हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन और कैस्ट्रॉल इंडिया का नाम शामिल है।
स्टॉक बाजार भाव (15 अप्रैल 2025 को रुपये में) भार (% में)
आईटीसी 420 20
पावरग्रिड 305 20
कोल इंडिया 395 20
एचपीसीएल 380 20
कैस्ट्राॅल 204 20
आईटीसी
एफएमसीजी क्षेत्र की इस कंपनी ने हाल ही में आईटीसी होटल्स कंपनी अलग हुई है। कंपनी के मुख्य सिगरेट कारोबार ने निरंतर अच्छा प्रदर्शन किया है। सिगरेट पर कर की स्थिर दर के कारण हमें इस कारोबार में मजबूत बढ़त होने का अनुमान है। इसके अलावा इसने हाल ही में आदित्य बिड़ला रियल एस्टेट के कागत कारोबार 'सेंचुरी पल्प ऐंड पेपर' (सीपीपी) का अधिग्रहण किया है। इससे पल्प ऐंड पेपर उद्योग में आईटीसी की उपस्थिति मजबूत होगी, उसकी क्षमता और बाजार पहुँच भी बढ़ेगी। वित्त वर्ष 2025-26 में इसकी डिविडेंड यील्ड 3.5% रह सकती है।
पावरग्रिड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया
सरकार द्वारा राष्ट्रीय विद्युतीकरण योजना (एनईपी) के तहत वित्त वर्ष 2032 तक ट्रांसमिशन कैपेक्स में अनुमानित 9.16 लाख करोड़ रुपये पूँजीगत निवेश समायोजित करने से इसे बड़ा लाभ होने की उम्मीद है। 15 अप्रैल को इस शेयर का मूल्य 305 रुपये था और इसमें 6 महीने की अवधि में 10-15% तेजी आने का अनुमान है। इस स्टॉक का 52 हफ्तों का शीर्ष स्तर 366 रुपये और निम्न स्तर 247 रुपये है। चालू वित्त वर्ष में इस सटॉक की लाभांश उपज 3% रह सकती है। निकट समय में मार्जिन में दबाव के बावजूद इस कंपनी की ऑर्डर बुक (1.43 लाख करोड़ रुपये) मजबूत है।
कोल इंडिया
मध्यम से लंबी अवधि में ऊर्जा माँग मजबूत बनी रहेगी और मार्च से जून 2025 के बीच गर्मियों में ये 270 गीगावॉट (वित्त वर्ष 2030 363 गीगावॉट तक या उससे ज्यादा) तक जा सकती है। भारत में कुल कोयला खपत का 75% का उत्पादन कोल इंडिया करती है और इसमें 80% की आपूर्ति पावर क्षेत्र को होती है, जिसके कारण ये इस क्षेत्र की प्रमुख कंपनी है। इस स्टॉक में भी कुल पोर्टफोलियो का 20% आवंटन है और वित्त वर्ष 2025-26 में इसकी लाभांश उपज 7.1% रहने की उम्मीद है। इसके साथ ही 6 महीने की अवधि में इसमें 10-15% तेजी आ सकती है।
हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन
तेल उत्पादक देशों द्वारा कच्चे तेल का उत्पादन बढ़ाने और अमेरिकी टैरिफ से के बाद इसके दाम में गिरावट से एचपीसीएल के कुल विपणन मार्जिन में सुधार होने की संभावना है। इसके अलावा सरकार के 50 रुपये बढ़ाने से एलपीजी में 76 अरब रुपये के बकाया की भरपायी करने में मदद मिलेगी। विभाजन और ल्यूब्रिकेंट कारोबार की संभावित लिस्टिंग कंपनी के लिए मुख्य संकेत होंगे। इसके अलावा चालू कैलेंडर वर्ष में कंपनी की राजस्थान रिफाइनरी शुरू होने की भी उम्मीद है। वित्त वर्ष 2025-26 में इस स्टॉक में 3.5% डिविडेंड यील्ड होने की उम्मीद है। इसमें 6 महीने में 10-15% की तेजी आ सकती है।
कैस्ट्रॉल इंडिया
अमेरिका-चीन के बीच व्यापार तनाव और बढ़ती आपूर्ति कि बीच ब्रेंट क्रूड के भाव गिरावट के साथ 4 साल के निम्न स्तर 60 डॉलर प्रति बैरल पर आ गये हैं। यह कैस्ट्रॉल जैसी ल्यूब्रिकेंट कंपनी के लिए फायदेमंद है, जिससे लाभ मार्जिन बेहतर हो सकता है। ल्यूब्रिकेंट कारोबार के लिए ये 4-5% उद्योग औसत वृद्धि दर से ज्यादा का लक्ष्य लेकर चल रही है। कैस्ट्रॉल का अपने ब्रांड निर्माण, विपणन और नये उत्पाद पर केंद्रित रहना बाजार नेतृत्व को समर्थन देता है। चालू वित्त वर्ष में इसकी डिविडेंड यील्ड 6.5% रह सकती है। इस स्टॉक में पोर्टफोलियो का 20% का आवंटन है।
(शेयर मंथन, 16 अप्रैल 2025)
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