
भारतीय मुद्रा बाजार में इन दिनों रुपये का शानदार प्रदर्शन देखने को मिल रहा है। 30 अप्रैल 2025 को रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 5 महीने की सबसे ऊँची स्थिति पर पहुँच गया। खास बात यह है कि जब एशिया की बाकी मुद्राओं में डॉलर के मुकाबले गिरावट आ रही है, तब भी भारतीय रुपया मजबूती दिखा रहा है।
पाकिस्तान और चीन की मुद्रा की हालत
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अप्रैल महीने में पाकिस्तान की मुद्रा पाकिस्तानी रुपया कमजोर हुआ है। पिछले 5 महीनों में पाकिस्तानी रुपया 1% से ज्यादा गिर चुका है। वहीं, चीन की मुद्रा युआन में कोई खास बदलाव नहीं हुआ है, वो लगभग स्थिर है।
रुपया हुआ मजबूत
30 अप्रैल 2025 को इंटरबैंक फॉरेन करेंसी मार्केट में रुपया 85.15 पर खुला और दिन में एक समय 84.47 तक पहुँच गया। आखिर में यह 84.58 पर बंद हुआ, जो पिछले दिन के मुकाबले 38 पैसे की मजबूती दिखाता है। यह स्तर आखिरी बार 29 नवंबर को देखा गया था। 29 अप्रैल 2025 को भी रुपया 27 पैसे मजबूत होकर 84.96 पर बंद हुआ था।
क्यों मजबूत हुआ रुपया?
रुपये की मजबूती की बड़ी वजह है विदेशी निवेश और भारत-अमेरिका के बीच व्यापार समझौते की उम्मीद। अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने कहा है कि भारत के साथ टैरिफ को लेकर बातचीत अच्छी दिशा में जा रही है। इससे निवेशकों को भरोसा मिला है।
ट्रंप का बयान
ट्रंप ने कहा कि भारत के साथ समझौता होने की संभावना है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी कुछ हफ्ते पहले अमेरिका आये थे और वे समझौते को लेकर गंभीर हैं। इससे बाजार में सकारात्मक माहौल बना है।
(शेयर मंथन, 02 मई 2025)
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