
भारत में स्टार्टअप्स की संख्या तेजी से बढ़ रही है। नये आइडिया, नयी तकनीकें और युवाओं का जोश मिलकर देश को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में मजबूत कदम बढ़ा रहे हैं। लेकिन अक्सर इन स्टार्टअप्स को पूँजी की कमी का सामना करना पड़ता है। इसे ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने क्रेडिट गारंटी स्कीम फॉर स्टार्टअप्स (सीजीएसएस) की शुरुआत की थी।
अब इस योजना को और बेहतर और प्रभावी बनाते हुए इसका विस्तार किया गया है। अब सराकर ने प्रति स्टार्टअप गारंटी कवर की सीमा को 10 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 20 करोड़ रुपये कर दिया है। इस योजना के तहत अब स्टार्टअप्स को अधिक लोन पर ज्यादा गारंटी कवर मिलेगा, जिससे फंडिंग की राह आसान होगी।
अब क्या बदलाव हुए हैं?
भारत सरकार ने इस योजना को अधिक असरदार बनाने के लिए 2025-26 के बजट में इसके विस्तार की घोषणा की थी। अब इस स्कीम में कुछ अहम बदलाव किए गए हैं :
1) गारंटी कवर की सीमा बढ़ी
पहले : एक स्टार्टअप को अधिकतम 10 करोड़ रुपये तक की गारंटी मिलती थी।
अब : यह सीमा बढ़ाकर 20 करोड़ रुपये कर दी गई है।
2) गारंटी कवर का प्रतिशत
10 करोड़ रुपये तक के लोन पर : 85% तक की गारंटी
10 करोड़ रुपये से ऊपर के लोन पर : 75% तक की गारंटी
3) सालाना गारंटी फीस में भी छूट
सरकार ने 27 क्षेत्रों के लिए सालाना गारंटी शुल्क 2% से घटाकर 1% कर दिया है। ये सेक्टर ‘मेक इन इंडिया’ के तहत चुने गये हैं, जो भारत की इंडस्ट्री और सेवाओं को आगे बढ़ाते हैं।
स्टार्टअप्स को इस योजना से क्या फायदा होगा?
1) आसान फंडिंग : स्टार्टअप्स को अब बैंक और अन्य वित्तीय संस्थाओं से लोन लेना पहले की तुलना में आसान होगा।
2) बिना जमानत लोन : स्टार्टअप्स के पास अक्सर कोई संपत्ति नहीं होती जिसे वे गिरवी रख सकें। अब उन्हें बिना किसी जमानत के लोन मिल सकेगा।
3) आरएंडडी और इनोवेशन को बढ़ावा : स्टार्टअप्स इस पैसे का इस्तेमाल नये उत्पाद, तकनीक और शोध में कर सकेंगे।
कम जोखिम, ज्यादा भरोसा :
जब सरकार गारंटी देती है, तो लोन देने वालों को भी भरोसा होता है, जिससे स्टार्टअप्स के लिए पूँजी जुटाना आसान हो जाता है।
आत्मनिर्भर भारत और स्टार्टअप इंडिया मिशन से जुड़ाव
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2016 में स्टार्टअप इंडिया मिशन शुरू किया था, ताकि भारत को वैश्विक नवाचार का केंद्र बनाया जा सके। सीजीएसएस उसी मिशन का एक अहम हिस्सा है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि अच्छे आइडिया और तकनीकी समाधान सिर्फ पैसों की कमी के कारण अधूरे न रह जायें।
सीजीएसएस क्या है?
क्रेडिट गारंटी स्कीम फॉर स्टार्टअप्स एक सरकारी योजना है जिसे 6 अक्टूबर 2022 को शुरू किया गया था। इसका मकसद है स्टार्टअप्स को बिना किसी चीज को गिरवी रखे लोन दिलाना। इसके तहत, जब किसी स्टार्टअप को बैंक या वित्तीय संस्था से लोन मिलता है, तो उस लोन पर सरकार गारंटी देती है, अगर किसी कारण से स्टार्टअप लोन नहीं चुका पाता, तो सरकार उस लोन की भरपाई करती है। इससे बैंकों और गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) का जोखिम कम होता है और वे स्टार्टअप्स को लोन देने के लिए आगे आते हैं।
(शेयर मंथन, 13 मई 2025)
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