राहतों का महीना बना मई, कच्‍चे तेल के दाम गिरने से कम हुआ व्‍यापार घाटा

मई का महीना पूरे देश के लिए राहत की सौगात लेकर आया है। खुदरा और थोक महँगाई के मोर्चे पर राहत मिलने के बाद व्‍यापार घाटा के भी कम होने की खबर है। मई के महीने में देश का व्‍यापार घाटा कम हो कर 21.88 अरब डॉलर रह गया, जो पिछले साल मई में 22 अरब डॉलर था। 

मई में देश का सेवाओं और वस्‍तुओं का समग्र व्‍यापार घाटा 6.62 अरब डॉलर रहा, जो पिछले साल की समान अ‍वधि में 9.35 अरब डॉलर था। मई के महीने में देश के आयात और निर्यात में भी कमी देखने को मिली है। वाणिज्‍य विभाग द्वारा सोमवार (16 जून) को जारी किये गये आँकड़ों के अनुसार मई में देश में वाणिज्‍यिक वस्‍तुओं के निर्यात में कमी आयी और यह 2.17% की गिरावट के साथ 38.73 अरब डॉलर रहा, जबकि पिछले साल की समान अवधि में यह 39.59 अबर डॉलर रहा था। इससे पहले, अप्रैल में देश का कुल व्‍यापार घाटा 26.42 अरब डॉलर पहुँच गया था।

वित्‍त वर्ष 2025-26 की पहले दो महीने में वस्‍तुओं और सेवाओं को मिला कर देश का समग्र निर्यात 2.77% बढ़ कर 71.12 अरब डॉलर का रहा। इस अवधि में वाणिज्‍यिक वस्‍तुओं का निर्यात जहाँ बढ़ कर 77.19 अरब डॉलर पर पहुँच गया, वहीं इसी मद में आयात 125.52 अरब डॉलर का रहा। मई में सेवाओं के निर्यात में भी वृद्ध‍ि देखने को मिली और ये पिछले साल की समान अवधि में 29.61 अरब डॉलर से बढ़ कर 32.39 अरब डॉलर हो गया।

आयात-निर्यात पर जारी मासिक रिपोर्ट के मुताबिक मई में आयात 1.7% गिर कर 60.61 अरब डॉलर रहा। इसके लिए सोने, पेट्रोलियम और कोयल के आयात में आयी कमी को महत्‍वपूर्ण माना जा रहा है। मई में वस्‍तुओं और सेवाओं समग्र आयात पिछले साल की समान अवधि में 78.55 अरब डॉलर के मुकाबले 77.75 अरब डॉलर पर रहा। 

(शेयर मंथन, 17 जून 2025)

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