
कच्चे तेल के भाव भारी उठापटक के बाद मंगलवार (24 जून) को एक बार फिर टूट गये। इजरायल और ईरान के बीच युद्धविराम की खबर से पश्चिम एशिया में कई दिनों से बनी तनाव की स्थिति सामान्य हुई है। इसने कच्चे तेल में उबाल को ठंडा कर दिया। इसके चलते मंगलवार की सुबह कच्चे तेल की कीमतें फिर से 65 डॉलर प्रति बैरल के पास आ गयीं।
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, मंगलवार की सुबह ब्रेंट क्रूड का वायदा 2.08 डॉलर यानी 2.9% की गिरावट के साथ 69.40 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा था। इससे पहले सुबह के सत्र में कारोबार के दौरान एक समय ब्रेंट क्रूड 4% से अधिक नीचे गिर गया था और 11 जून के बाद के निचले स्तर पर आ गया था।
अमेरिकी कच्चा तेल (वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट) में भी इसी तरह की गिरावट देखी जा रही है। रॉयटर्स के अनुसार, यह कच्चा तेल 2.03 डॉलर यानी 3% के नुकसान के साथ 66.48 डॉलर प्रति बैरल पर था। इससे पहले सुबह के सत्र में अमेरिकी कच्चा तेल एक समय 6% से अधिक गिरकर 9 जून के बाद के निचले स्तर तक आ गया था।
कच्चे तेल की कीमतों में आयी इस भारी गिरावट की वजह अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप द्वारा ईरान और इजरायल के बीच युद्धविराम की घोषणा है। ट्रंप ने मंगलवार तड़के अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ पर लिखा, ‘‘सभी को बधाई! इजरायल और ईरान के बीच संघर्ष विराम पर पूर्ण सहमति हो गयी है कि लगभग 6 घंटे बाद (जब इजरायल और ईरान अपनी अंतिम मिशनों को पूरा कर लेंगे), 12 घंटे के लिए पूर्ण और संपूर्ण युद्धविराम होगा, जिसके बाद युद्ध को समाप्त माना जायेगा!’’
इस घोषणा से पहले ईरान ने कतर में एक अमेरिकी सैन्य अड्डे पर मिसाइल हमले किये थे, जो अमेरिका द्वारा ईरान के फोर्डो, नतांज और इस्फहान में परमाणु ठिकानों पर हमलों का जवाब था। हालाँकि, कतर ने इन हमलों को सफलतापूर्वक रोक लिया और कोई हताहत नहीं हुआ। ट्रंप ने इस हमले के लिए ईरान को धन्यवाद दिया, क्योंकि ट्रंप के अनुसार ईरान ने इस हमले से पहले चेतावनी दी थी, जिससे कोई जानमाल का नुकसान नहीं हुआ। उन्होंने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, ‘‘ईरान ने हमें पहले से सूचना दी, जिससे कोई जान नहीं गयी। मैं शांति की दिशा में बढ़ने के लिए ईरान और इजरायल दोनों को प्रोत्साहित करूँगा।’’
ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने एक्स पर लिखा, ‘‘जो लोग ईरानी लोगों और उनके इतिहास को जानते हैं, वे जानते हैं कि ईरान वह राष्ट्र नहीं है जो आत्मसमर्पण करता है।’’ हालाँकि यह टिप्पणी कतर हमले के बाद आयी थी। ट्रंप के युद्धविराम के दावे के बाद ईरान ने आधिकारिक रूप से इसे स्वीकार नहीं किया है, लेकिन उसका कहना है कि अगर इजरायल हमले नहीं करता है तो ईरान की ओर से भी कोई कार्रवाई नहीं की जायेगी।
इससे पहले इजरायल और ईरान के बीच तनाव चरम पर पहुँच गया था। इसकी शुरुआत इजरायल द्वारा ईरान के परमाणु और सैन्य ठिकानों पर 13 जून को हमले किये गये। उस हमले में कई वरिष्ठ ईरानी सैन्य अधिकारी मारे गये। जवाब में ईरान ने इजरायल पर मिसाइल और ड्रोन से हमले किये। यह तनाव तब और बढ़ गया, जब अमेरिका ने 22 जून को ईरान के परमाणु स्थलों पर हमले किये। इसके बाद इस बात की आशंका बढ़ गयी थी कि ईरान होर्मुज जलडमरूमध्य को बंद कर सकता है। होर्मुज जलडमरूमध्य से वैश्विक कच्चे तेल की 20% और प्राकृतिक गैस के 25% की आपूर्ति होती है।
यही कारण है कि तनाव बढ़ने से कच्चे तेल की कीमतों में अप्रत्याशित तेजी देखी जा रही थी। इजरायल द्वारा ईरान पर हमले के बाद कच्चे तेल की कीमतों में 10% तक की तेजी आयी थी और भाव 5 महीने के उच्च स्तर पर पहुँच गये थे। इसके चलते ब्रेंट क्रूड 80 डॉलर और अमेरिकी कच्चा तेल 78 डॉलर प्रति बैरल तक चढ़ गया था। गोल्डमैन सैक्स ने आशंका जाहिर की थी कि पश्चिम एशिया में स्थिति बिगड़ने से कच्चा तेल 100 डॉलर के पार निकल सकता है।
बहरहाल अब तनाव कम होने का असर वैश्विक शेयर बाजारों में भी दिख रहा है और निवेशकों में उत्साह का माहौल है। देर रात अमेरिकी बाजार में इसके चलते 3 दिनों बाद अच्छी तेजी आयी। वॉल स्ट्रीट पर सोमवार के कारोबार में डॉव जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज 374.96 अंक (0.89%) मजबूत होकर 42,581.78 अंक पर, नैस्डैक कंपोजिट 183.57 अंक यानी 0.94% की तेजी में 19,630.97 अंक पर और एसऐंडपी 500 सूचकांक 57.33 अंक (0.96%) ऊपर 6,025.17 अंक पर बंद हुआ। हालाँकि युद्धविराम की खबर अमेरिकी बाजार के बंद होने के बाद आयी।
आज भारत समेत एशिया के सभी प्रमुख बाजारों में भी तेजी का माहौल है। सुबह 10 बजे भारतीय बाजार में बीएसई सेंसेक्स 720 अंक (0.88%) ऊपर 82,616 अंक पर और एनएसई निफ्टी50 221 अंक (0.89%) ऊपर 25,192 अंक पर कारोबार कर रहा था। एशिया के बाजारों में जापान का निक्केई 1.10%, हॉन्ग कॉन्ग का हैंगसेंग 1.95%, चीन का शंघाई कंपोजिट 1% और दक्षिण कोरिया का कोस्पी 2.77% की तेजी में कारोबार कर रहा था।
(शेयर मंथन, 24 जून 2025)
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