FY 2025-26 Q1 Result: विप्रो की कंसोलिडेटेड आय में 365 करोड़ रुपये की गिरावट

देश की प्रमुख आईटी कंपनियों में शामिल विप्रो ने वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही के नतीजे पेश किए हैं। इन नतीजों में एक ओर जहाँ आय और मुनाफे में हल्की गिरावट देखने को मिली है, वहीं एबिट मार्जिन और कुल बुकिंग्स के मोर्चे पर सुधार ने निवेशकों को थोड़ी राहत दी है।

आय में हल्की गिरावट

पहली तिमाही में विप्रो की कंसोलिडेटेड आय 22,445.3 करोड़ रुपये से घटकर 22,080 करोड़ रुपये रह गई है। यानी कंपनी की टॉपलाइन में करीब 365 करोड़ रुपये की गिरावट दर्ज हुई है। ये गिरावट ग्लोबल क्लाइंट्स की ओर से धीमी डील कन्वर्जन और कुछ वर्टिकल्स में आई मंदी की वजह से हो सकती है।

मुनाफे में भी नरमी

कंपनी का एबिटा 3,927 करोड़ रुपये से घटकर 3,813 करोड़ रुपये रहा है। ये आँकड़ा बताता है कि ऑपरेशनल स्तर पर कंपनी को थोड़ी लागत से जुड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ा है। हालाँकि गिरावट बहुत बड़ी नहीं है, जो ये दिखाता है कि कंपनी स्थिति को संभाले हुए है।

एबिट मार्जिन में हल्का सुधार

एक अच्छी बात ये रही कि विप्रो का एबिट मार्जिन 17.1% से बढ़कर 17.3% हो गया है।

डॉलर में आय भी घटी

डॉलर के संदर्भ में विप्रो की आय 259.65 करोड़ डॉलर से घटकर 258.74 करोड़ डॉलर रही है। ग्लोबल क्लाइंट्स से मिलने वाला रेवेन्यू इस तिमाही में थोड़ा कमजोर रहा, जिसका असर कुल प्रदर्शन पर पड़ा है।

कुल बुकिंग्स में जबरदस्त बढ़त

हालाँकि सबसे सकारात्मक संकेत कंपनी की पहली तिमाही बुकिंग्स से आया है। कुल बुकिंग्स 24.1% बढ़कर $497.1 करोड़ तक पहुँच गई हैं, जो बताता है कि आने वाली तिमाहियों में कंपनी के पास मजबूत वर्क पाइपलाइन है। इसका मतलब है कि क्लाइंट्स भले ही आज थोड़ा सतर्क हों, लेकिन भविष्य की डिमांड को लेकर भरोसा बना हुआ है।

(शेयर मंथन, 17 जुलाई 2025)

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