महँगाई में रिकॉर्ड गिरावट, पर जीएसटी बदलाव का पूरा लाभ नहीं पहुँचा - एमके ग्लोबल रिपोर्ट

एमके ग्लोबल फाइनेंशियल सर्विसेज ने खुदरा महँगाई पर अपनी रिपोर्ट में कहा है कि अक्टूबर 2025 में खुदरा महँगाई का अब तक के सबसे निचले स्तर पर आना उसके अनुमानों के अनुरूप रहा है। एमके ग्लोबल का अनुमान 0.28% का था।

सितंबर 2025 में खुदरा महँगाई दर संशोधित अनुमानों के मुताबिक 1.44% थी। दरअसल, सितंबर 2025 के आंकड़ों में बदलाव किया गया है और पहले दर्ज की गयी 1.54% महँगाई दर को अब घटा कर 1.44% कर दिया गया है। एमके रिपोर्ट के अनुसार, यह जीएसटी में हुए बदलाव (GST rejig) के प्रभाव को दिखाता है। हालाँकि कई प्रमुख श्रेणियों, जैसे गैर अल्कोहल पेय पदार्थ (नॉन-अल्कोहोलिक बेवरेजेस), तैयार खाद्य पदार्थ, घरेलू उपयोग की वस्तुएँ, स्वास्थ्य, पर्सनल केयर, तंबाकू और नशीले पदार्थों में अक्टूबर तक इसका पूरा असर नहीं दिखा। केवल ट्रांसपोर्ट (ऑटो क्षेत्र) में जीएसटी का लगभग पूरा असर देखा गया है।

अक्टूबर की गिरावट के पीछे मुख्य कारण थे अनुकूल आधार प्रभाव (favorable base effect), खाद्य कीमतों में लगातार नरमी (-0.3% मासिक आधार पर; -5% वार्षिक आधार पर) और जीएसटी में बदलाव। खाद्य श्रेणी के लगभग सभी हिस्सों में कीमतें घटीं, जिसका कारण मौसमी रुझान और टैक्स दरों में बदलाव रहा।

कोर महँगाई (Core Inflation) में हल्की गिरावट

कोर सीपीआई (नशीले पदार्थों को छोड़ कर) 4.4% रही, जो पिछले महीने की 4.5% से थोड़ी कम है। कोर सीपीआई के भी सितंबर के आँकड़े को 4.7% से संशोधित करके 4.5% कर दिया गया है। कोर सीपीआई में गिरावट में एक बड़ा योगदान आवासीय (Housing) श्रेणी का रहा।

सोने की तेज कीमतों से कोर सीपीआई रही ऊपर

सोने की कीमतों में तेज उछाल (12% MoM, 58% YoY) ने कोर सीपीआई को सबसे अधिक ऊपर बढ़ाया। इसके चलते पर्सनल केयर श्रेणी में तमाम प्रमुख सामानों पर जीएसटी में भारी कमी के बावजूद मासिक आधार पर 5.7% की बढ़ोतरी दर्ज की गयी। इस श्रेणी में जीएसटी कटौती का केवल आंशिक लाभ ही उपभोक्ताओं को मिला। स्वास्थ्य में मासिक आधार पर (MoM) 0.15% की गिरावट रही, जबकि घरेलू वस्तुओं में केवल 0.2% बढ़त दिखाई दी। ट्रांसपोर्ट एवं कम्युनिकेशन (ऑटो क्षेत्र) में जीएसटी कटौती का पूरा असर दिखा और वहाँ मूल्यों में मासिक आधार पर 0.8% की गिरावट आयी। अगर सोने को छोड़ दिया जाए, तो कोर सीपीआई (Core CPI) केवल 3.3% रही, जो पहले 3.9% थी।

महँगाई दर नवंबर में 1% से कम, 2025-26 में 2% से कम रहने के संकेत

खाद्य वस्तुओं की कीमतों में नरमी को देखते हुए अभी नवंबर 2025 की खुदरा महँगाई दर (CPI) लगभग 0.9% रहने का अनुमान बन रहा है। जीएसटी में कमी का प्रभाव नवंबर में भी दिखने की संभावना के चलते नवंबर में महँगाई दर 0.9% से और कम ही रहने की संभावना बनती है।
एमके ग्लोबल ने पूरे वित्त-वर्ष 2025-26 के लिए खुदरा महँगाई दर (सीपीआई) 2% से नीचे रहने का अनुमान जताया है, जो आरबीआई के 2.6% के पूर्वानुमान से करीब 50 आधार अंक (bps) कम है। वित्त-वर्ष 2026-27 में महँगाई दर का अनुमान 4.1% (आरबीआई: 4.5%) है। कोर महँगाई (नशीले पदार्थों को छोड़ कर) 2025-26 में 4.5% और 2026-27 में 3.9% रहने का अनुमान है।

दिसंबर में ब्याज दर कटौती की संभावना मजबूत

एमके ग्लोबल ने इस रिपोर्ट में कहा है कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) अभी तक ब्याज दरों में कटौती को लेकर कुछ स्पष्ट नहीं बोल रहा है, क्योंकि उसे विदेशी और देशीय अनिश्चितताओं पर स्पष्टता का इंतजार है, जिनमें टैरिफ, जीएसटी बदलाव, आयकर सुधार और पहले दी गयी मौद्रिक ढील का प्रभाव शामिल हैं। लेकिन बार-बार महँगाई दर अनुमानों से कम रहने को देखते हुए हमें लगता है कि तेजी से बदलते वातावरण में अगले वर्ष की महँगाई दर पर ध्यान केंद्रित रखना गलत दृष्टिकोण होगा। हमें यह जोखिम दिखता है कि महँगाई दर आरबीआई के अनुमानों की तुलना में 2025-26 में 50 बीपीएस और 2026-27 में 40 नीचे रह सकती है। इसके चलते दिसंबर में ब्याज दरों में कटौती की गुंजाइश बन सकती है। उसके आगे चीजें इस बात पर निर्भर करेंगी कि टैरिफ का मुद्दा किस ओर बढ़ता है। (शेयर मंथन, 13 नवंबर 2025)