नवंबर में म्यूचुअल फंड उद्योग का AUM नये रिकॉर्ड पर - सिप में हल्की कमी, पर इक्विटी निवेश बढ़ा

नवंबर 2025 भारतीय म्यूचुअल फंड उद्योग में नयी तेजी देखने को मिली है। इस महीने उद्योग का नेट एयूएम बढ़कर 80,80,369.52 करोड़ रुपये पर पहुँच गया, जो अक्टूबर 2025 के 79,87,939.94 करोड़ रुपये की तुलना में मजबूत वृद्धि दर्शाता है।

वहीं औसत एएयूएम (AAUM) भी नवंबर में बढ़कर 81,31,763.67 करोड़ रुपये रहा, जो निवेशकों के भरोसे को दिखाता है। फोलियो संख्या में भी उद्योग ने एक शानदार उछाल दर्ज किया। नवंबर 2025 में कुल म्यूचुअल फंड फोलियो 25.86 करोड़ पर पहुँच गये, जिसमें सिर्फ एक महीने में 26.11 लाख नये फोलियो जुड़े है। अक्टूबर 2025 में यह संख्या 25.60 करोड़ थी। खुदरा निवेशकों की भागीदारी लगातार बढ़ रही है। वहीं, इक्विटी, हाइब्रिड और सॉल्यूशन-ओरिएंटेड योजनाओं में रिटेल फोलियो संख्या नवंबर में बढ़कर 20.16 करोड़ हो गयी, जो अक्टूबर के 19.98 करोड़ से अधिक है। रिटेल एयूएम भी बढ़कर 46,48,599 करोड़ रुपये पर पहुँच गया।

नवंबर महीना उद्योग के लिए काफी शानदार रहा

नवंबर का महीना उद्योग के लिए एक और अहम उपलब्धि लेकर आया। मार्च 2021 से लगातार 57वें महीने भी इक्विटी स्कीमों में सकारात्मक निवेश प्रवाह (पॉजिटिव इनफ्लो) दर्ज हुआ। नवंबर 2025 में इक्विटी निवेश प्रवाह 29,911 करोड़ रुपये रहा, जो अक्टूबर के 24,690 करोड़ रुपये की तुलना में 21% की तेज वृद्धि है।

सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) से जुड़े आँकड़े भी उद्योग की मजबूती को रेखांकित करते हैं। नवंबर 2025 में सिप या एसआईपी का एयूएम बढ़ कर 16,52,665.35 करोड़ रुपये हो गया, जो पूरे उद्योग के कुल एयूएम का लगभग 20.5% हिस्सा है। एसआईपी योगदान 29,445.28 करोड़ रुपये रहा, जबकि योगदान करने वाले एसआईपी खातों की संख्या 9.42 करोड़ तक पहुँच गयी। यह बताता है कि निवेशक उतार-चढ़ाव के बावजूद दीर्घकालिक और अनुशासित निवेश रणनीति को अपनाये हुए हैं।

नवंबर में उद्योग ने खुली अवधि वाली (ओपन-एंडेड) 24 नयी योजनाएँ (स्कीम) शुरू कीं, जिनके माध्यम से कुल 3,126 करोड़ रुपये जुटाये गये। एसआईएफ (व्यवस्थित निवेश सुविधा) डेटा भी सकारात्मक रहा। स्पेशलाइज्ड इन्वेस्टमें फंड या एसआईएफ (SIF) की परिसंपत्तिाँ भी नवंबर में बढ़ कर 2,932 करोड़ रुपये पर पहुँच गयीं, जो पिछले महीने की तुलना में 45.8% की तेज बढ़ोतरी है। इस श्रेणी में शुद्ध निवेश प्रवाह 902 करोड़ रुपये दर्ज हुआ, जिससे यह स्पष्ट है कि निवेशक नये निवेश विकल्पों में भी रुचि दिखा रहे हैं।

म्यूचुअल फंड उद्योग के संगठन एम्फी (AMFI) के चीफ एक्जीक्यूटिव वेंकट चालासानी ने अपने बयान में कहा कि "म्यूचुअल फंड उद्योग ने नवंबर में 80 लाख करोड़ रुपये का स्तर पार किया, जो निवेशकों के मजबूत भरोसे को दिखाता है। सिप परिसंपत्तियों का हिस्सा बढ़कर कुल उद्योग एयूएम का पाँचवाँ हिस्सा हो गया है। इक्विटी योजनाओं में लगातार निवेश प्रवाह ने वृद्धि को सहयोग किया है, जबकि हाइब्रिड और पैसिव फंडों में भी अच्छा निवेश आया है। एसआईएफ में 45% की मासिक वृद्धि इस बात का संकेत है कि निवेशक नये विकल्पों को अपनाने के लिए तैयार हैं।"

कोटक महिंद्रा एएमसी के ओवास बक्षी की राय

कोटक महिंद्रा एएमसी (AMC) के हेड-रिटेल सेल्स, ओवास बक्षी का कहना है कि 25 नवंबर महीने में इक्विटी निवेश प्रवाह 29,911 करोड़ रुपये रहा, जबकि 25 अक्टूबर को यह 24,690 करोड़ रुपये था  यानी 21% की बढ़ोतरी दिखाता है। बाजार में उतार-चढ़ाव के बावजूद निवेशकों ने इक्विटी में भरोसा बनाये रखा है। फ्लेक्सीकैप श्रेणी में सबसे ज्यादा 8,135 करोड़ रुपये का निवेश प्रवाह हुआ, इसके बाद लार्ज ऐंड मिडकैप श्रेणी में 4503 करोड़ रुपये, मिडकैप श्रेणी में 4,486 करोड़ रुपये और स्मॉलकैप श्रेणी में 4,406 करोड़ रुपये का निवेश प्रवाह हुआ। हालाँकि, सेक्टोरल और थीमैटिक फंडों में निवेश प्रवाह धीमा हो गया है। फ्लेक्सीकैप फंड अलग-अलग मार्केटकैप (वाले शेयरों) में निवेश कर पाते हैं। उनकी इस क्षमता और लार्जकैप की ओर उनके मौजूदा झुकाव के चलते इस श्रेणी में निवेश आकर्षित हो रहा है। आर्बिट्राज फंडों को छोड़ कर हाइब्रिड श्रेणी को देखें तो इसमें 9,100 करोड़ रुपये का निवेश प्रवाह हुआ, जबकि इस साल अक्टूबर में यह 7,236 करोड़ रुपये था। मल्टी एसेट एलोकेशन फंडों को इक्विटी या सोना या चाँदी जैसी एसेट क्लास में आवंटन के कारण लगातार बड़ा निवेश प्रवाह मिल रहा है।

(शेयर मंथन, 11 दिसंबर 2025)