फिर चल पड़ी गाड़ी?

राजीव रंजन झा

जब किसी गाड़ी का इंजन चालू होने में दिक्कतें दे रहा हो, तो आप आशा-निराशा के बीच झूलते रहते हैं। जब इंजन चालू होने जैसी आवाजें देता है तो आपकी उम्मीदें बढ़ जाती हैं। जब दो-चार झटके देकर इंजन शांत पड़ जाता है तो आपकी उम्मीदें भी ठंडी पड़ जाती हैं। कुछ यही हाल इस समय भारत के ऑटो क्षेत्र का है।
नवंबर-दिसंबर की बिक्री के आँकड़ों ने ऑटो क्षेत्र को बुरी तरह निराश किया था। अब जनवरी के आँकड़ों ने फिर से कुछ उम्मीदें जगा दी हैं। जनवरी में मारुति की घरेलू बिक्री साल-दर-साल 5.6% बढ़ी है, यह बीते नवंबर और दिसंबर की मासिक बिक्रियों से तो ज्यादा है ही। सबसे खास बात यह है कि कंपनी के 25 वर्षों के इतिहास में यह अब तक की सबसे ऊँची मासिक बिक्री है। इसे क्या कहेंगे – मंदी, धीमापन?

हीरो होंडा ने जनवरी 2008 की तुलना में 5.84% ज्यादा मोटरसाइकिलें बेची हैं। टाटा मोटर्स की सवारी गाड़ियों की बिक्री जनवरी 2008 की तुलना में घटी है, लेकिन पिछले महीने यानी दिसंबर 2008 से 68% ज्यादा है। इसी तरह बजाज ऑटो ने भले ही साल-दर-साल 34% की गिरावट दिखायी हो, लेकिन महीने-दर-महीने के हिसाब से स्थिति इतनी बुरी नहीं है। महिंद्रा एंड महिंद्रा ने जनवरी बिक्री में साल-दर-साल 17% की गिरावट दर्ज की है, पर इसकी नयी एमयूवी जाइलो ने बाजार में अच्छी शुरुआत की है।
इन आँकड़ों को देखते समय यह बात भी याद रखनी चाहिए कि ये कंपनी की फैक्ट्री से उसके डीलरों के शो-रूम तक जाने वाली गाड़ियों की संख्याएँ हैं, ग्राहकों द्वारा खरीदी गाड़ियों की संख्या नहीं। ऑटो कंपनियाँ अपनी खुदरा बिक्री की संख्या कभी-कभी ही बताती हैं, खास कर जब वह सँख्या ज्यादा ही अच्छी हो या डीलरों को भेजी गयी खेप काफी कम हो। मसलन, अगर खुदरा बिक्री के लिहाज से देखें, तो मारुति के लिए दिसंबर 2008 का महीना ही अब तक का सबसे अच्छा महीना था, जब इसने कुल 76,700 गाड़ियाँ बेची थीं। अगर हमें बाजार की असली स्थिति समझनी है, ग्राहकों के मिजाज में आने वाले बदलावों को समझना है, तो खुदरा बिक्री के आँकड़े नियमित रूप से मिलना ज्यादा जरूरी है। गाड़ियों का फैक्ट्री से शो-रूम तक जाना तो बस इन्वेंट्री प्रबंधन है।
बहरहाल, ऑटो बिक्री में यह सुधार पूरी अर्थव्यवस्था को लेकर भी एक संकेत देता है। यह बताता है कि हमें भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर एकदम से निराश होने की जरूरत नहीं है। इसकी गाड़ी अभी चल रही है!