अंतरिम बजट ने भले ही उद्योग जगत और शेयर बाजार को कोई नयी राहत नहीं दी हो, लेकिन उद्योग संगठन फिक्की ने इसमें भविष्य के संकेत देख कर ही संतोष कर लिया है। फिक्की के अध्यक्ष हर्षपति सिंघानिया ने अंतरिम बजट के बारे में कहा है कि इस अंतरिम बजट ने अगली सरकार के लिए दिशा तय कर दी है और एक साफ संकेत दिया है कि आम चुनाव के बाद के महीनों में कौन-से उठाने की जरूरत होगी। सिंघानिया ने कहा है कि इस अंतरिम बजट ने देश की विकास दर को फिर से तेज करने पर जोर दिया है।
उन्होंने कहा कि बजट प्रस्तुत होने से पहले भी फिक्की ने इस बात पर जोर दिया था कि सबसे ज्यादा ध्यान तेज विकास और इस बात पर देना चाहिए कि कैसे लोगों और कंपनियों के पास ज्यादा पैसा हो। तभी माँग में बढ़ोतरी हो सकेगी। फिक्की को इस बात पर संतोष है कि अंतरिम बजट में वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने कई बार इन बिंदुओं को दोहराया।
फिक्की अध्यक्ष ने वित्त मंत्री के भाषण के उस वाक्य पर खास ध्यान दिया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि "संकट के इस दौर में करों की दरें अवश्य घटनी चाहिए।" फिक्की का मानना है कि यह बात अगली सरकार के लिए एक बड़ा संदेश है। इस अंतरिम बजट में ग्रामीण रोजगार योजना के लिए 30,100 करोड़ रुपये आवंटित करने पर भी फिक्की ने खुशी जतायी है और कहा है कि यह ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने वाला सकारात्मक कदम है। भारत निर्माण योजना के लिए 40,900 करोड़ रुपये के आवंटन के बारे में फिक्की का कहना है कि इससे देश के हर हिस्से में आर्थिक गतिविधियाँ बढ़ेंगीं।