कोयला उत्पादन करने वाली सरकारी कंपनी कोल इंडिया ने तीसरी तिमाही के नतीजे जारी कर दिए हैं। नतीजों के बाद मैनेजमेंट ने कॉनकाल में कई अहम मुद्दों पर अहम जानकारी दी है।
कंपनी के मुताबिक FY24 में उत्पादन 78 Cr टन के लक्ष्य से कम रह सकता है। FY24 उत्पादन लक्ष्य में 1 Cr टन की कमी रह सकती है। कोल इंडिया के चेयरमैन ने कहा कि 5 सब्सिडियरीज कंपनियां FY24 उत्पादन लक्ष्य हासिल करेंगी। कंपनी के मुताबिक चौथी तिमाही में 15% कोयला उत्पादन ई-ऑक्शन के जरिए उपलब्ध होगा। कंपनी की कोल माइन्स के विस्तार की योजना है जिसके लिए आंतरिक स्रोत से फंड जुटाएंगे। आगामी साल में कर्मचारियों पर होने वाले खर्च में कमी आएगी। कंपनी का भारतीय कोयले के उत्पादन में तेजी लाने के साथ 17.5-20 Cr टन इंपोर्ट में कमी लाना है। FY25 के लिए 17500 करोड़ रुपये कैपेक्स का लक्ष्य रखा गया है। इस कैपेक्स में सोलर प्रोजेक्ट भी शामिल है। वहीं FY26 के लिए 18000 करोड़ रुपये का कैपेक्स निर्धारित किया गया है। कंपनी को उम्मीद है कि FY25 में 83.8 करोड़ टन कोयला उत्पादन होगा। फिलहाल कोयले की कीमतों में बढ़ोतरी का कोई प्रस्ताव नहीं है। पिछली बार 2018 में कोयले की कीमतों में बढ़ोतरी की गई थी। कोल माइन्स के विस्तार के लिए आंतरिक स्रोत से फंड जुटाएंगे। आगामी साल में कर्मचारियों पर होने वाले खर्च में कमी आएगी
कंपनी 3 क्रिटिकल मिनरल ब्लॉक्स की नीलामी में भी शामिल होगी। जनवरी में ई-ऑक्शन 50% प्रीमियम पर उपलब्ध है। शुक्रवार को हुए 1 दिन के हड़ताल से ऑपरेशन पर मामूली असर देखने को मिला। ब्रोकरेज हाउस जेफरीज ने कोल पर खरीदारी की राय दी है, हालाकि लक्ष्य 550 रुपये से घटाकर 520 रुपये किया गया है। वहीं सीएलएसए (CLSA) ने आउटपरफॉर्म की रेटिंग दी है। साथ हीं लक्ष्य 330 रुपये से बढ़ाकर 480 रुपये कर दिया है। वॉल्यूम में मजबूत वृद्धि का अनुमान है। कोल इंडिया के शेयर में लगातार दूसरे दिन दबाव देखा गया और शेयर 3.15% गिर कर 446.50 रुपये प्रति शेयर पर बंद हुआ है।
(शेयर मंथन, 20 फरवरी, 2024)
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