अविनाश गोरक्षकररिसर्च प्रमुख, मनीलिशियसएफआईआई की बिकवाली, रुपये की कमजोरी और डॉलर की मजबूती, कच्चे तेल की उच्च कीमतें और वित्त वर्ष 2017-18 की पहली छमाही में कंपनियों की आमदनी में सुस्ती की आशंका भारतीय बाजार की मुख्य चिंताएँ हैं।
जगदीश ठक्करनिदेशक, फॉर्च्यून फिस्कलजो निवेशक कम-से-कम तीन साल या इससे अधिक की अवधि के लिए निवेश करना चाहते हैं, उनके लिए अभी सर्वोत्तम अवसर है।
मानस जायसवालतकनीकी विश्लेषकनिफ्टी ने तिमाही चार्ट पर “बियरिश इनगल्फिंग” संरचना बनायी है और यह मध्यम अवधि के चार्ट पर निचले शिखर (लोअर टॉप) और निचली तलहटियाँ (लोअर बॉटम) बना रहा है।
राजेश अग्रवालरिसर्च प्रमुख, एयूएम कैपिटल मार्केटनोटबंदी के बाद उपभोग क्षेत्र के कुछ बेहतरीन शेयरों की कीमतों में तकरीबन 25-30% की गिरावट आयी है।
अमरजीत सिंहसीईओ, अमर ग्लोबल इन्वेस्टमेंटलंबी अवधि की दृष्टि से मैं बाजार को लेकर बहुत ही सकारात्मक हूँ।
अमित खुरानाइक्विटी प्रमुख, दौलत कैपिटलइस समय बाजार की मुख्य चिंताएं हैं नोटबंदी का उपभोग और पूँजीगत व्यय के चक्र पर असर।
विनय गुप्तानिदेशक, ट्रस्टलाइन सिक्योरिटीजलंबी अवधि में बाजार सकारात्मक है।
निपुण मेहतासंस्थापक एवं सीईओ, ब्लूओशन कैपिटलमेरे विचार में जीडीपी और कॉर्पोरेट आमदनी पर नोटबंदी का नकारात्मक असर दो तिमाहियों तक दिखेगा।
पी. के. अग्रवालनिदेशक, पर्पललाइन इन्वेस्टमेंट एडवाइजर्ससाल 2017 एक मुश्किल वर्ष होगा, जिसमें निवेशकों के लिए पैसा बना पाना एक चुनौती होगी।
विजय भूषणपार्टनर, भारत भूषण ऐंड कंपनीप्रधानमंत्री ने हाल में यह बयान दिया कि पूँजी बाजार पर अतिरिक्त कर बोझ डाला जा सकता है, जिससे निवेशकों का भरोसा डगमगाया है।
मोनल देसाईवीपी, कोजेंसिसबुनियादी ढाँचे पर सरकारी खर्च बढ़ने और व्यापार सुगमता बढ़ने से पूँजीगत व्यय चक्र में तेजी आने की उम्मीद है।
संजय सिन्हासंस्थापक, साइट्रस एडवाइजर्सअगले 3-6 महीनों में बाजार में काफी उतार-चढ़ाव रहेगा, पर इसे साल 2017 के दौरान ही काफी मजबूत तेजी के नये दौर में प्रवेश करना चाहिए।
पंकज पांडेयरिटेल रिसर्च प्रमुख, आईसीआईसीआई सिक्योरिटीजमेरा आकलन है कि साल 2017 के अंत तक सेंसेक्स 30,200 और निफ्टी 9,150 पर होंगे।
नितेश चंदरिसर्च प्रमुख, साइक्स ऐंड रे इक्विटीजभारतीय शेयर बाजार अगले कुछ वर्षों में एक बड़ी तेजी के लिए तैयार है।
कुणाल सरावगीसीईओ, इक्विटीरशमेरा आकलन है कि निफ्टी जून 2017 में 8,500 और साल 2017 के अंत में 9,000 के पास होगा।
शर्मिला जोशीनिवेश सलाहकार, चेशायर इन्वेस्टमेंटअभी घरेलू और वैश्विक दोनों लिहाज से काफी बाधाएँ हैं।
अरविंद पृथीसंस्थापक, एंडरसन कैपिटल एडवाइजर्सयह साल शेयर बाजार के लिए मुश्किलों भरा रहने वाला है।
जितेंद्र पांडाएमडी एवं सीईओ, पीयरलेस सिक्योरिटीजसाल 2016 में ठहराव (कंसोलिडेशन) और सर्जिकल सुधारों के बाद हम ऐसे तार्किक मूल्यांकन पर हैं, जहाँ से एक नये शिखर तक पहुँचने की उछाल शुरू हो सकती है।
वैभव अग्रवालरिसर्च प्रमुख, एंजेल ब्रोकिंगसरकार की ओर से प्रमुख सुधार कार्यक्रमों पर प्रगति का अभाव है।
फणिशेखर पोनांगीफंड मैनेजर
कार्वी कैपिटल
नवंबर 2013 के बाद से अब निवेश करने का सर्वोत्तम समय आया है।
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