निजी बैंकों की हिचक
राजीव रंजन झा
ब्याज दरें ऊपर चढ़ने का चक्र पूरा हो चुका है और अब इनके नीचे जाने का समय आ चुका है – यह बात सबसे पहले जिन लोगों ने कही थी उनमें आईसीआईसीआई बैंक के एमडी के वी कामत शामिल हैं।
ब्याज दरें ऊपर चढ़ने का चक्र पूरा हो चुका है और अब इनके नीचे जाने का समय आ चुका है – यह बात सबसे पहले जिन लोगों ने कही थी उनमें आईसीआईसीआई बैंक के एमडी के वी कामत शामिल हैं।
गुरुवार को कई नकारात्मक खबरों के बीच एक बार फिर अर्थव्यवस्था में मंदी की चिंता अमेरिकी निवेशकों पर हावी होती दिखी, जिससे डॉव जोंस में 443 अंकों की बड़ी गिरावट आयी। आज सुबह एशियाई बाजारों में भी गिरावट दिख रही है।
कल भारतीय बाजार में आयी कमजोरी को मोटे तौर पर एक सुधार (करेक्शन) के रूप में समझा जा सकता है, क्योंकि जब कोई बाजार 6 कारोबारी सत्रों में लगभग 42% मजबूत हो जाये, तो बाजार में आयी ऐसी बढ़त कभी टिका नहीं करती। आज के बाजार के बारे में मेरा मानना है कि कमजोर वैश्विक संकेतों के मद्देनजर बाजार कमजोर खुलेंगे, हो सकता है कि बाद में कुछ वापसी देखने को मिल जाये।
कमजोर वैश्विक संकेतों की वजह से आज भारतीय शेयर बाजार नीचे खुले। गुरूवार को दिन भर उतार-चढ़ाव का क्रम बना रहा और सेंसेक्स ने एक बार फिर 10,000 का मनोवैज्ञानिक स्तर तोड़ दिया। बीएसई का सेंसेक्स 386 अंकों यानी 3.81% की गिरावट के साथ 9,734 पर बंद हुआ। जबकि एनएसई का निफ्टी भी 102 अंकों यानी 5.48% की तेजी के साथ 2,893 पर बंद हुआ। आज की गिरावट में सबसे ज्यादा योगदान धातु क्षेत्र, तेल व गैस, टीईसी, आईटी और बैंकिंग क्षेत्रों का रहा। धातु क्षेत्र में जहां आठ प्रतिशत से अधिक की गिरावट देखी गयी, वहीं बाकी क्षेत्रों के सूचकांक भी तकरीबन 3-5% की कमजोरी के साथ बंद हुए। बीएसई में रियल्टी और हेल्थकेयर ही ऐसे क्षेत्र रहे, जो कल की तुलना में कुछ मजबूती के साथ बंद हुए। आज सीएनएक्स मिडकैप 2.36% गिर कर बंद हुआ। इसी तरह बीएसई का मिडकैप सूचकांक 2.24% और स्मॉलकैप सूचकांक 2.13% की कमजोरी के साथ बंद हुए।
बुधवार को यूरोपीय और अमेरिकी शेयर बाजारों में आयी गिरावट का असर गुरुवार को एशियाई बाजारों पर स्पष्ट तौर पर दिखा और सभी एशियाई बाजार औंधे मुँह गिर गये। एक ओर जहां दक्षिण कोरिया के कॉस्पी में साढ़े सात प्रतिशत से अधिक की गिरावट दर्ज की गयी, वहीं हांगकांग के सूचकांक हैंग सेंग में भी सात प्रतिशत से अधिक की कमजोरी देखने को मिली। जापान के निक्केई सूचकांक ने एक बार फिर 9,000 का स्तर तोड़ दिया और साढ़े छः प्रतिशत की गिरावट के साथ 8,899 पर बंद हुआ। ताइवान वेटेड, स्ट्रेट टाइम्स और जकार्ता कंपोजिट में भी चार से छः प्रतिशत की कमजोरी दर्ज की गयी। लेकिन गिरावट की इस आँधी के बीच शंघाई कंपोजिट स्वयं को बचाने में कुछ हद तक कामयाब रहा और इसमें लगभग ढ़ाई प्रतिशत की गिरावट देखी गयी। भारतीय शेयर बाजार गिरावट के साथ खुले और दिन भर उतार-चढ़ाव का क्रम बना रहा। दिन भर के कारोबार के बाद सेंसेक्स 386 अंकों की गिरावट के साथ 9,734 पर बंद हुआ, वहीं निफ्टी 102 अंकों की कमजोरी के साथ 2,893 पर बंद हुआ।
कारोबारी हफ्ते के अंतिम दिन भारतीय बाजार में जबरदस्त तेजी रही। बीएसई का सेंसेक्स 744 अंक यानी 8.22% की शानदार बढ़त के साथ 9,788 पर बंद हुआ। एनएसई का निफ्टी भी 189 अंक या 7% की उछाल के साथ 2886 पर बंद हुआ। आज की तेजी में सबसे ज्यादा योगदान धातु, तेल-गैस, बैंकिंग, ऑटो और आईटी क्षेत्रों का रहा। बीएसई में इन सभी क्षेत्रों के सूचकांक तकरीबन 6-10% की शानदार उछाल के साथ बंद हुए।