
रेटिंग एजेंसी मूडीज ने साफ किया है कि भारत की सरकार द्वारा आर्थिक सुधार के लिए उठाये गये कदमों के आधार पर ही तय होगा कि भारत की रेटिंग सुधरती है या नहीं।
मूडीज की रिपोर्ट के मुताबिक तेल कीमतों में गिरावट की वजह से महंगाई और सरकारी घाटा नियंत्रण में रहने की संभावना है, जिससे सुधारों से जुड़े कई अहम फैसले लेने की जगह बन गयी है। मूडीज ने साफ किया कि विकास दर के लिए नए फॉर्मूले के आधार पर सामने आये आंकड़े ये दर्शाते हैं कि देश की अर्थव्यवस्था पहले से बेहतर है, हालाँकि एजेंसी ने साफ किया की इन आंकड़ों के आधार पर देश की रेटिंग पर कोई असर नहीं पड़ेगा। मूडीज ने आगाह किया कि भारत का सरकारी घाटा, कमजोर इंफ्रास्ट्रक्चर, और नियम कानूनों की जटिलताओं का नकारात्मक असर देश की आर्थिक सेहत पर पड़ सकता है।
इसके साथ ही मूडीज ने चेतावनी दी की आने वाले 3 से 5 साल में तेल और कमोडिटी कीमतों में बढ़त का दौर देखने को मिल सकता है ऐसे में अगर अभी कदम नहीं उठाये गये तो देश की अर्थव्यवस्था फिर से मुश्किल में पड़ सकती है। (शेयर मंथन 25 फरवरी 2015)