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मुद्रा (Mudra) से बेहद छोटे उद्यमियों को 10 लाख रुपये तक का ऋण

केंद्रीय वित्‍त मंत्री अरुण जेटली ने प्रधानमंत्री मुद्रा योजना को बेहद छोटे उद्यमियों के कारोबार के विस्‍तार में मदद देने के लिए सरकार की ओर से एक ऐतिहासिक पहल बताया है।

इस योजना के आरंभ के मौके पर उन्‍होंने कहा कि 20% लोग छोटे उद्यमों पर निर्भर हैं और इनमें से ज्‍यादातर स्‍वरोजगार पर आधारित हैं। श्री जेटली ने कहा कि 'मुद्रा बैंक' के शुभारंभ का मुख्‍य उद्देश्‍य 'वित्‍त से वंचित लोगों को वित्‍त मुहैया कराना' है, क्‍योंकि इन उद्यमों के वास्‍तव में हकदार रहने के बावजूद उन पर समुचित ध्‍यान नहीं दिया जाता है। श्री जेटली ने बताया कि प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत बेहद छोटे उदयमियों को 50,000 रुपये से लेकर 10 लाख रुपये तक के कर्ज उपलब्‍ध कराये जायेंगे।

आज इस योजना का आरंभ दिल्ली के विज्ञान भवन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया। इस अवसर पर केंद्रीय वित्‍त मंत्री अरुण जेटली और वित्‍त राज्‍य मंत्री जयंत सिन्‍हा के अलावा भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर डॉ. रघुराम राजन, वित्‍त सचिव राजीव महर्षि, व्‍यय सचिव रतन पी. वटल, राजस्‍व सचिव शांतिकांत दास, वित्‍तीय सेवा सचिव डॉ. हसमुख अधिया और विभिन्‍न सार्वजनिक बैंकों एवं वित्‍तीय संस्‍थानों के सीईओ और देश भर में स्थित सूक्ष्‍म वित्‍त संस्‍थानों के प्रतिनिधि भी इस समारोह में उपस्थित थे।

वित्‍त मंत्री ने अपने बजट भाषण में गैर-कॉरपोरेट छोटे कारोबारी क्षेत्र को समय पर पर्याप्‍त वित्‍त मुहैया कराने की समस्‍या के समाधान के लिए 20,000 करोड़ रुपये की पुनर्वित्‍त राशि और 3,000 करोड़ रुपये की साख गारंटी राशि के साथ एक माइक्रो यूनिट्स डेवलपमेंट रिफाइनेंस एजेंसी (मुद्रा) बैंक खोलने का प्रस्‍ताव रखा था। 'मुद्रा' की स्‍थापना एक कानून के जरिए की जानी है और उस पर 'प्रधानमंत्री मुद्रा योजना' नामक योजना के जरिये उन सभी सूक्ष्‍म वित्‍त संस्‍थानों को विकसित करने एवं पुनर्वित्‍त मुहैया कराने की जिम्‍मेदारी होगी जो विनिर्माण, व्‍यापार एवं सेवा से जुड़ी गतिविधियों में संलग्‍न सूक्ष्‍म/छोटे कारोबारी निकायों को ऋण मुहैया कराते हैं। 'मुद्रा' के लिए तय भूमिकाओं में सूक्ष्‍म उद्यम वित्‍त पोषण व्‍यवसाय के लिए नीतिगत दिशा-निर्देश तैयार करना, एमएफआई निकायों का पंजीकरण करना, एमएफआई निकायों की रेटिंग, ऋणग्रस्‍तता से बचाव के लिए वित्‍त पोषण के जवाबदेही वाले तौर-तरीके और समुचित ग्राहक सुरक्षा सिद्धांत तथा वसूली के तरीके सुनिश्चित करना, सूक्ष्‍म उद्यमों को मुहैया कराये जा रहे कर्जों/पोर्टफोलिओ को गारंटी देने के लिए साख गारंटी योजना तैयार करना और फिर उसका संचालन करना शामिल हैं। 

'मुद्रा' का मुख्‍य कार्य प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत सूक्ष्‍म व्‍यवसायों/इकाइयों को दिये जाने वाले कर्जों के लिए पुनर्वित्‍त सुविधा मुहैया करना है। इसके तहत उत्‍पादों को शिशु, किशोर एवं तरुण श्रेणियों के अंतर्गत रखा जायेगा, जो लाभार्थी सूक्ष्‍म इकाई (उद्यमी) के विकास एवं वित्‍त संबंधी जरूरतों के चरण को रेखांकित करेंगी। शिशु श्रेणी के तहत 50,000 रुपये तक के कर्जों को रखा जायेगा। किशोर श्रेणी के तहत 50,000 रुपये से ज्‍यादा और 5 लाख रुपये तक के कर्जों को रखा जायेगा। वहीं तरुण श्रेणी के तहत 5 लाख रुपये से ज्‍यादा तथा 10 लाख रुपये तक के कर्जों को लिया जायेगा।

इसके तहत जो व्‍यवसाय/उद्यमी/इकाइयाँ शामिल की जायेंगी, उनमें ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में छोटी विनिर्माण इकाइयों, दुकानदारों, फल/सब्‍जी विक्रेताओं, सैलून, ब्‍यूटी पार्लर, ट्रांसपोर्टरों, ट्रक ऑपरेटरों, मशीन ऑपरेटरों, छोटे उद्योगों, कारीगरों, स्‍वयं सहायता समूहों, प्रोफेशनल, सेवा प्रदानकर्ताओं इत्‍यादि के रूप में अपना संचालन करने वाली स्‍वामित्‍व (प्रोप्राइराइटरशिप)/भागीदारी फर्म शामिल होंगी और जिनकी वित्‍त पोषण संबंधी आवश्‍यकता 10 लाख रुपये तक की होगी।

आरम्‍भ में पेश किये जाने वाले उत्‍पाद कुछ इस प्रकार हैं :

·        क्षेत्र/गतिविधि विशेष से जुड़ी योजनायें, जैसे भूमि परिवहन में कारोबारी गतिविधियों से संबंधित योजनायें

·        सूक्ष्‍म ऋण योजना (एमसीएस)

·        क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों/अनुसूचित सहकारी बैंकों के लिए पुनर्वित्‍त योजना

·        महिला उद्यमी योजना

·        कारोबारियों एवं दुकानदारों के लिए कारोबारी ऋण

·        सूक्ष्‍म इकाइयों के लिए उपकरण वित्‍त

क्रेडिट प्लस दृष्टिकोण

'मुद्रा' इसके साथ ही क्रेडिट प्लस दृष्टिकोण भी अपनायेगा और निम्‍नलिखित कदमों के लिए भी सेवायें प्रदान करेगा :

·        वित्‍तीय साक्षरता के लिए मदद देना

·        बुनियादी संस्‍थानों को बढ़ावा एवं मदद देना

·        छोटे कारोबारी वित्‍त निकायों के लिए रूपरेखा तैयार करना

·        रेटिंग एजेंसियों के साथ मिलकर काम करना

अन्‍य प्रस्‍तावित पेशकश

उपर्युक्‍त पेशकश के अलावा निम्‍नलिखित सुविधाएँ देने पर भी विचार किया गया है:

·        मुद्रा कार्ड

·        पोर्टफोलियो साख गारंटी

·        ऋणों में वृद्धि

'मुद्रा' की स्‍थापना से न केवल बैंकिंग सुविधाओं से वंचित उद्यमियों को वित्‍त मुहैया कराने में मदद मिलेगी, बल्कि इससे असंगठित सूक्ष्‍म/छोटे उद्यमी क्षेत्र को वित्‍त पोषकों से मिलने वाले वित्‍त की लागत भी घट जायेगी। (शेयर मंथन, 08 अप्रैल 2015)

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