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आरबीआई (RBI) ने रेपो दर (Repo Rate) घटा कर 7.25% की

raghuram rajanमंगलवार दो जून को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने साल 2015-16 की दूसरी द्वैमासिक मौद्रिक नीति (bi-monthly monetary policy) में अपनी ब्याज दरों (Interest Rates) में कटौती कर दी है।

आरबीआई ने रेपो दर (जिस पर आरबीआई बैंकों को अल्पावधि ऋण देता है) को 0.25% अंक घटा कर 7.25% कर दिया है। यह कटौती तत्काल प्रभाव से लागू कर दी गयी है। साथ ही रिवर्स रेपो दर को घटा कर 6.25% कर दिया गया है। आरबीआई की ओर से ब्याज दर में इस साल यह लगातार तीसरी कटौती है। नकद आरक्षित अनुपात (CRR) को पहले की तरह 4.0% पर स्थिर रखा गया है। मार्जिन स्टैंडिंग फैसिलिटी (MSF) और बैंक दर (Bank Rate) को घटा कर 8.25% कर दिया गया है।
हालाँकि उद्योग जगत अभी इतने से खुश नहीं हैं। उद्योग संगठन सीआईआई के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने अपने बयान में कहा है कि रेपो दर में कम-से-कम 0.50% की कटौती की उम्मीद थी। मगर बाजार में आम धारणा 0.25% कमी होने की ही थी, जो पूरी हो गयी है।
रेपो दर में यह कटौती इस बात का संकेत है कि उपभोक्ता महँगाई दर को लेकर आरबीआई अभी पहले जितना चिंतित नहीं है, और औद्योगिक धीमेपन से उबरने के लिए वह ब्याज दर में एक और कटौती उसे जरूरी लगी है।
हालाँकि भविष्य के लिए आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन ने कुछ सख्त संकेत दिये हैं। उन्होंने साफ कहा है कि भविष्य में उनका कोई कदम उस समय उपलब्ध आँकड़ों पर ही निर्भर रहेगा। साथ ही उन्होंने जनवरी 2016 के लिए महँगाई दर के अनुमान को 5.8% से बढ़ा कर 6% कर दिया है। राजन को अभी यह चिंता है कि अगर मानसून कमजोर रहा तो महँगाई बढ़ सकती है। यानी भविष्य में आरबीआई की ओर से दरों में कोई और कटौती काफी हद तक इस पर निर्भर है कि मानसून कैसा रहता है और महँगाई पर उसका कितना असर होता है। (शेयर मंथन, 02 जून 2015)

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