
भारत में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (Consumer Price Index) में वृद्धि की दर अप्रैल महीने के 4.87% से थोड़ा बढ़ कर मई 2015 में 5.01% हो गयी है। इस वृद्धि का मुख्य कारण ईंधन की बढ़ी हुई कीमतें हैं। हालाँकि उपभोक्ता खाद्य महँगाई दर अप्रैल 2015 के 5.11% के स्तर से 0.31% अंक घट कर मई 2015 में 4.80% पर आ गयी। शहरी क्षेत्रों की तुलना में ग्रामीण क्षेत्रों में मूल्य वृद्धि की गति अधिक रही। शहरी क्षेत्रों के लिए सीपीआई मई में 4.41% रही, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों के लिए यह 5.52% पर थी।
खाद्य और पेय पदार्थों की मुद्रास्फीति 5.16% के स्तर पर रही। पान, तंबाकू और मादक द्रव्यों की कीमतें 8.86% तक ऊपर पहुँच गयी। सब्जियों की कीमतों में 4.64% की और दालों की कीमतों में 16.62% की वृद्धि हुई है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने पिछले हफ्ते पेश अपनी मौद्रिक नीति में कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि और कमजोर मानसून के चलते कृषि उत्पादन के प्रभावित होने की संभावना व्यक्त की है। भारतीय रिजर्व बैंक ने जनवरी 2016 तक खुदरा महँगाई दर को 6% तक सीमित रखने का लक्ष्य रखा है। (शेयर मंथन, 13 जून 2015)