
भारत सरकार ने आयकर अधिनियम, 1961 के प्रावधानों को सरल बनाने के लिए एक समिति का गठन किया है। इस समिति की अध्यक्षता न्यायमूर्ति आर. वी. ईश्वर (सेवानिवृत्त) करेंगे। न्यायमूर्ति ईश्वर दिल्ली उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश और आईटीएटी के पूर्व अध्यक्ष हैं।
इस समिति में सदस्य के रूप में पूर्व विधि सचिव वी.के. भसीन, चार्टर्ड एकाउंटेंट विनोद जैन, सलाहकार राजीव मैमानी, वरिष्ठ अधिवक्ता रवि गुप्ता, चार्टर्ड एकाउंटेंट मुकेश पटेल, सलाहकार अजय बहल, निवेश सलाहकार प्रदीप पी शाह, आईआरएस अरविंद मोदी और आईआरएस डॉ विनय कुमार सिंह को शामिल किया गया है।
यह समिति आयकर कानून की उन व्याख्याओं और वाक्यांशों का अध्ययन और पहचान करेगी, जिनकी विभिन्न व्याख्याओं के कारण मुकदमेबाजी को बढ़ावा मिल रहा है। यह उन प्रावधानों की भी पहचान करेगी जो कारोबार सुगमता पर प्रभाव डाल रहे हैं। समिति से कहा गया है कि वह कर आधार और राजस्व वसूली पर कोई विशेष प्रभाव डाले बिना वर्तमान प्रावधानों और क्षेत्रों की पहचान करके कर नियमों में पूर्वानुमान और निश्चितता लाने के लिए विकल्प और संशोधनों का सुझाव दे।
समिति से कहा गया है कि वह अपनी सिफारिशों के पहले समूह में जितनी ज्यादा-से-ज्यादा सिफारिशें संभव हो, उन्हें 31 जनवरी 2016 तक प्रस्तुत कर दे। समिति का कार्यकाल गठन की तिथि से एक वर्ष की अवधि के लिए होगा। (शेयर मंथन, 27 अक्टूबर 2015)