
भारत सरकार और जापान सरकार ने दोहरे कराधान (Double Taxation) को टालने और आय कर चोरी रोकने पर मौजूदा समझौते में संशोधन करने के लिए आज एक प्रोटोकॉल पर हस्ताक्षर किये।
मौजूदा समझौते पर हस्ताक्षर वर्ष 1989 में किये गये थे। भारत सरकार की ओर से राजस्व सचिव डॉ. हसमुख अधिया और जापान सरकार की ओर से जापान के राजदूत श्री केंजी हीरामत्सु ने इस प्रोटोकॉल पर हस्ताक्षर किये। आज हस्ताक्षरित किया गया यह प्रोटोकॉल खास अहमियत रखता है क्योंकि जापान के प्रधानमंत्री की भारत यात्रा शुरू होने से महज कुछ घंटे पहले ही इस प्रोटोकॉल पर हस्ताक्षर किये गये हैं।
इस प्रोटोकॉल में कर संबंधी सूचनाओं के कारगर ढंग से आदान-प्रदान के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वीकृत मानकों का जिक्र है, जिनमें बैंक सूचनाओं संबंधी कर मसलों पर सूचनाएँ और बगैर घरेलू कर हित वाली सूचनाएँ भी शामिल हैं। इसमें इस बात का भी उल्लेख किया गया है कि भारत के किसी निवासी के संबंध में जापान से जो सूचनाएँ प्राप्त होंगी, उन्हें जापान के सक्षम प्राधिकरण से स्वीकृति मिलने के बाद अन्य कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ साझा किया जा सकता है। इसी तरह जापान के किसी निवासी के संबंध में भारत से जो सूचनाएँ प्राप्त होंगी, उन्हें भारत के सक्षम प्राधिकरण से स्वीकृति मिलने के बाद अन्य कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ साझा किया जा सकता है।
इस प्रोटोकॉल में उल्लेख है कि भारत और जापान दोनों ही राजस्व दावों के संग्रह में एक-दूसरे को सहायता प्रदान करेंगे। इस प्रोटोकॉल में सरकार/सरकारी स्वामित्व वाली वित्तीय संस्थानों द्वारा बीमित ऋण-दावों के संदर्भ में स्रोत देश में ब्याज आय को टैक्स से छूट दिये जाने का भी उल्लेख है। (शेयर मंथन, 11 दिसंबर 2015)