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वर्ष 2015 में 5 भारतीय शहरों में निजी इक्विटी का रिकॉर्ड निवेश

shobhit agarwalशोभित अग्रवाल, प्रबंध निदेशक-कैपिटल मार्केट्स, जेएलएल इंडिया 

बीता वर्ष रियल एस्टेट में पूँजी बाजार गतिविधियों की दृष्टि से दिलचस्प रहा। प्रमुख भारतीय मेट्रो शहरों के लिए वर्ष 2015 अच्छा वर्ष साबित हुआ। दरअसल निजी इक्विटी (पीई) फंडों ने इस वर्ष इन शहरों के रियल एस्टेट में रिकॉर्ड निवेश किया।

रियल एस्टेट में कुल 19,500 करोड़ रुपये का निवेश हुआ।
इस निवेश का सबसे बड़ा हिस्सा 34% निवेश मुंबई मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र (एमएमआर) ने हासिल किया जबकि 29% निवेश के साथ दिल्ली-एनसीआर दूसरे स्थान पर और 14% निवेश के साथ चेन्नई तीसरे स्थान पर रहा। बंगलुरु, पुणे और हैदराबाद को क्रमश: 11%, 5% और 3% निवेश हासिल हुआ। शेष शहरों में कुल मिला कर इस पीई निवेश का 4% हिस्सा मिला।
इन शहरों का प्रदर्शन अतीत के अनुभव से सबक को दर्शाता है। एक तरफ जहाँ निवेशक इस बात के प्रति सतर्क हैं कि किस शहर में निवेश करें, वहीं यह देखना दिलचस्प है कि स्ट्रक्चर्ड इक्विटी और कर्ज का अनुपात कुल निवेश के आधे से ज्यादा है।
यहाँ तक कि सामान्य इक्विटी निवेश के लिए अन्य संपत्ति श्रेणियों के मुकाबले मुख्य वाणिज्यिक संपत्तियाँ ज्यादा पसंद की गयीं। यह दर्शाता है कि निवेशक भारतीय रियल एस्टेट में बड़े लाभ की संभावनाओं के प्रति कितने सतर्कतापूर्वक आशान्वित हैं। अच्छे रिकॉर्ड के साथ साख वाले डेवलपरों की परियोजना में ही निवेश करना भी निवेशकों ने उतना ही महत्वपूर्ण रहा।
पीई फंडों का ध्यान जहाँ आवासीय और कार्यालयीय परियोजनाओं पर अत्यधिक केंद्रित बना हुआ है, वहीं इन्टिटी स्तरीय निवेशों और प्लेटफॉर्म स्तरीय सौदों का प्रकाश में आना निवेशकों के भरोसे में हुई वृद्धि को दर्शाता है। बीते वर्ष कुल 6,048 करोड़ रुपये के इन्टिटी स्तरीय सौदे हुए लेकिन ये सौदे अच्छे डेवलपरों की परियोजनाओं तक ही सीमित रहे। (शेयर मंथन, 09 फरवरी, 2016)

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