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उद्योग जगत ने किया भारत के लिए मूडीज (Moody's) की नयी रेटिंग का स्वागत

उद्योग संगठनों और प्रमुख उद्योगपतियों ने भारत की ऋण साख (क्रेडिट रेटिंग) में सुधार करने के मूडीज (Moody's) के फैसले का स्वागत किया है।
भारती इंटरप्राइजेज (Bharti Enterprises) के चेयरमैन सुनील मित्तल (Sunil Mittal) ने कहा है कि रेटिंग का बढ़ना सरकार की ओर से हाल के वर्षों में उठाये गये साहसिक संरचनात्मक सुधारों के असर को दिखाता है। इससे स्पष्ट दिखता है कि अर्थव्यवस्था अब दिशा बदल रही है और आगे एक बड़ी छलाँग के लिए तैयार है। यह एक वैश्विक निवेश के ठिकाने के रूप में भारत की विशाल संभावनाओं को दर्शाता है। मित्तल का कहना है कि इससे आने वाले दिनों में मजबूत और परिवर्तनकारी सुधारों के पथ पर आगे बढ़ते रहने के लिए सरकार को संबल मिलेगा।
प्रमुख उद्योग संगठन फिक्की (FICCI) के अध्यक्ष पंकज आर. पटेल (Pankaj R. Patel) ने कहा है कि भारत की मूडीज रेटिंग में सुधार से पिछले साढ़े तीन से चार वर्षों के दौरान सरकार की ओर से सुधारों के लिए उठाये गये विभिन्न कदमों की पुष्टि होती है। उन्होंने कहा कि रेटिंग में यह सुधार और हाल में व्यापार सुगमता (ease of doing business) के क्रम में ऊपर उठना इस बात को रेखांकित करते हैं कि हम सही दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। भारत के विकास की कहानी इस समय पहले से कहीं अधिक संभावनाओं से भरी लगती है।
पटेल ने आगे कहा कि अभी हम वैश्विक निवेशक समुदाय के आत्मविश्वास में सुधार होता हुआ देख रहे हैं। ऐसे में इस कदम से देश में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) का प्रवाह मजबूत होगा। साथ ही इससे विदेश से बेहतर दरों पर ऋण ले सकने की हमारी संभावनाएँ भी बढ़ेंगी।
पटेल ने अपने बयान में कहा है कि सुधारों को लेकर सरकार की दृष्टि संपूर्णता वाली है। सरकार विकास के रास्ते में आने वाली बाधाओं को पहचानने और उन्हें दूर करने के लिए काफी फुर्ती से काम कर रही है। जीएसटी लागू होने के बाद सरकार लगातार इसकी समीक्षा कर रही है, जिससे पुरानी से नयी व्यवस्था में जाना सहज ढंग से संभव हो। बैंकों को नयी पूँजी देने (रीकैपिटलाइजेशन) के लिए हाल में घोषित योजना और फँसे हुए ऋणों के समाधान के लिए पहले उठाये गये कदमों से नये निवेश के लिए गुंजाइश बन सकेगी। इन सभी कदमों का सकारात्मक असर आने वाले कुछ वर्षों में दिखेगा और भारत ज्यादा तेज गति से विकास कर सकेगा।
भारतीय उद्योग परिसंघ या सीआईआई (CII) के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी (Chandrajit Banerjee) ने कहा है कि मूडीज की ओर से भारत की रेटिंग बढ़ाया जाना देश में बाजार का उत्साह बढ़ाने वाले प्रमुख तत्व के रूप में सामने आया है। यह सरकार की ओर से किये गये संरचनात्मक सुधारों को मान्यता देता है। जीएसटी, व्यापार सुगमता एवं दीवालिया कानूनों में सुधार, बुनियादी ढाँचे पर सार्वजनिक व्यय, नकदी के कम उपयोग और बैंकिंग सुधारों ने रेटिंग के बढ़ने में योगदान किया है।
बनर्जी ने कहा कि रेटिंग बढ़ कर बीएए2 होने से भारतीय व्यवसायों को अंतरराष्ट्रीय बाजार में कम लागत पर ऋण मिल सकेगा और भारत में ज्यादा विदेशी निवेश का प्रवाह होगा। सीआईआई को आशा है कि अन्य रेटिंग एजेंसियाँ भी जल्दी ही इसी तरह से भारत की रेटिंग बढ़ायेंगीं। (शेयर मंथन, 17 नवंबर 2017)

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