शुक्रवार को जीएसटी परिषद (GST Council) की 30वीं बैठक हुई। इस बैठक में केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने भी हिस्सा लिया।
बैठक में मंत्रियों का समूह (जीओएम) गठित किया जाने का निर्णय लिया गया, जो आपदा प्रभावित राज्यों की सहायता के लिए अतिरिक्त धन जुटाने के लिए एक तंत्र तैयार करेगा। बिहार के उप-मुख्यमंत्री सुशील मोदी के नेतृत्व में सात मंत्रियों वाला यह जीओएम कुछ हफ्तों में अपनी रिपोर्ट पेश करेगा।
बता दें कि जीएसटी बैठक में आपदा सेस को लेकर कई राज्यों के वित्त मंत्रियों ने विरोध किया, जिनमें बिहार, ओडिशा और गुजरात शामिल हैं। इसके बाद बैठक में इसके लिए जीओएम का गठन किये पर निर्णय लिया गया।
जीएसटी परिषद की बैठक में राजस्व स्थिति और केरल पुनर्निर्माण पर चर्चा हुई। केरल के संबंध में वित्त मंत्री ने कहा कि नया जीओएम यह भी देखेगा कि एसडीआरएफ (राज्य आपदा राहत फंड) और एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा राहत फंड) का तंत्र पर्याप्त है या कुछ और करने की जरूरत है। एनडीआरएफ का इस्तेमाल गृह मंत्रालय पर निर्भर करता है। हालाँकि परिषद की 30वीं बैठक में पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने पर कोई फैसला नहीं हुआ। गौरतलब है कि पेट्रोल-डीजल की कीमतों में हाल में आयी उछाल के कारण इन्हें जीएसटी के दायरे में लाने की माँग ने तूल पकड़ा है।
इसके अलावा जीएसटी से कर आय में हो रही गिरावट पर चर्चा हुई। जेटली ने कहा कि पूर्वोत्तर राज्यों में कर आय अनुमान से कहीं बेहतर रही। (शेयर मंथन, 29 सितंबर 2018)