नये साल में मोदी सरकार किसानों को एक बड़ा तोहफा देने की तैयारी में है।
सूत्रों के अनुसार, 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले सरकार इस बात पर विचार कर रही है कि जो किसान समय पर अपने कृषि ऋण का भुगतान कर देते हैं, उनका ब्याज माफ कर दिया जाये। इससे सरकार के खजाने पर 15,000 करोड़ का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। उनके अनुसार, इस प्रस्ताव पर भी विचार किया जा रहा है कि खाद्य फसलों के लिए ली जाने वाली बीमा पॉलिसी का प्रीमियम भी पूरी तरह माफ कर दिया जाये। साथ ही, उद्यानिकी फसलों का प्रीमियम घटाने पर भी विचार किया जा रहा है।
मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में हुए हालिया चुनाव हारने के बाद भाजपा सरकार कृषि क्षेत्र की समस्याओं को सुलझाने के लिए तत्परता से कदम उठाने जा रही है। सूत्रों के अनुसार, पिछले कुछ दिनों में इस विषय पर उच्च स्तर पर कई बैठकेँ हुयी हैं।
दरअसल, सरकार बंपर उत्पादन के बावजूद किसानों की कम कमाई के समाधान के लिए यह योजना बना रही है।
तत्काल राहत देने के लिए सरकार इस प्रस्ताव पर विचार कर रही है कि जो किसान समय पर अपने फसल ऋण का भुगतान करते हैं उनका 4% का ब्याज माफ कर दिया जाए। फिलहाल, किसानों को अल्पावधि के लिए 3 लाख रुपये तक का कर्ज 7% के ब्याज दर पर उपलब्ध कराया जाता है। समय पर भुगतान करने वाले किसानों को ब्याज में 3% की छूट दी जाती है।
सरकार ने चालू वित्त वर्ष के दौरान किसानों को 11 लाख करोड़ रुपये का कर्ज देने का लक्ष्य रखा है। पिछले वित्त वर्ष के दौरान किसानों को 11.69 लाख करोड रुपये का कर्ज किसानों को दिया गया था, जो 10 लाख करोड़ के लक्ष्य से अधिक था।
कृषि ऋण का समय पर भुगतान करने वालों को सरकार ब्याज पर 5% और सामान्य मामले में 2% की छूट देती है। केंद्र सरकार इसके लिए लगभग 15,000 करोड़ रुपये सालाना वहन करती है। (शेयर मंथन, 29 दिसंबर 2018)