राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में विदेश राज्य मंत्री वी के सिंह ने यह जानकारी दी।
उन्होंने राज्यसभा में जवाब के तहत साल 2014 और 2018 के बीच प्रधानमंत्री मोदी द्वारा किए गये विदेशी दौरों की भी जानकारी दी। उन्होंने उन टॉप 10 देशों की भी जानकारी दी, जहां से भारत को अधिकतम प्रत्यक्ष विदेशी निवेश या एफडीआई प्राप्त हुआ है।
मोदी सरकार में मंत्री वीके सिंह ने कहा कि 2014 में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश 30,930।5 मिलियन अमरीकी डॉलर से बढ़कर 2017 में 43478।27 मिलियन अमरीकी डॉलर हो गया।
केंद्रीय मंत्री द्वारा उपलब्ध कराए गये आँकड़ों के अनुसार, यूपीए-2 के दौरान 2009-10 से 2013-14 तक मनमोहन सिंह की विदेश यात्राओं के दौरान चार्टर्ड उड़ानों, विमानों के रखरखाव और हॉटलाइन सुविधाओं पर 1,346 करोड़ रुपये खर्च हुए थे।
केंद्रीय मंत्री वीके सिंह ने मनमोहन सिंह के आधिकारिक विदेश दौरों से संबंधित सवालों के जवाब में यह जानकारी दी, जिसमें पूछा गया कि आखिर 2009 से 2014 तक मनमोहन सिंह के प्रधानमंत्री के रूप में कितने खर्च हुए और 2014 के बाद से पीएम मोदी के विदेश दौरों में कितने खर्च हुए।
आँकड़ों के मुताबिक, 15 जून 2014 और 3 दिसंबर 2018 की अवधि के दौरान प्रधानमंत्री के विमान के रखरखाव पर कुल 1,583।18 करोड़ रुपये और चार्टर्ड विमानों पर 429।25 करोड़ रुपये खर्च किए गए। वहीं, हॉटलाइन सुविधाओं पर 9।11 करोड़ रुपये खर्च हुए।
वीके सिंह द्वारा उपलब्ध कराए गए विवरण में 2017-18 और 2018-19 में पीएम मोदी की विदेश यात्राओं के दौरान हॉटलाइन सुविधाओं पर खर्च शामिल नहीं है।
2014-15 में विदेश दौरों के लिए चार्टर्ड विमानों पर लागत 93।76 करोड़ रुपये थी, जबकि 2015-16 में यह 117.89 करोड़ रुपये हो गया। वहीं 2016-17 में 76.27 करोड़ और 2017-18 में 99.32 करोड़ रुपये हो गया।
दरअसल, मई 2014 में प्रधानमंत्री के रूप में पदभार ग्रहण करने के बाद से पीएम मोदी ने 48 विदेश यात्राओं में 55 से अधिक देशों का दौरा किया। उन्होंने कुछ देशों में कई दौरे किए। (शेयर मंथन, 29 दिसंबर 2018)