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अगस्त के मूकाबले में औद्योगिक विकास दर में बढ़ोतरी

बुधवार को जारी किये गये आंकड़ों के अनुसार सितंबर महीने में औद्योगिक विकास दर 4.8% रही है, जबकि पिछले साल सितंबर महीने में यह 6.98% रही थी। लेकिन इस साल अगस्त महीने के 1.3% के आंकड़े से तुलना की जाये, तो इसमें काफी सुधार दर्ज किया गया है। कैपिटल गुड्स क्षेत्र में पिछले साल के लगभग 21% की तुलना में इस साल सितंबर महीने में 18.8% की वृद्धि दर्ज की गयी है। यदि मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र की बात करें, तो यह पिछले साल के सितंबर महीने के 7.4% से घट कर लगभग 4.8% रह गयी है।  

भारतीय बाजारों में कमजोर शुरुआत

12.00: भारतीय शेयर बाजारों में एक बार गिरावट का क्रम आरंभ हो गया है। इस समय सेंसेक्स 104 अंकों की गिरावट के साथ 9,736 पर चल रहा है, जबकि निफ्टी 27 अंकों की कमजोरी के साथ 2,912 पर चल रहा है। सीएनएक्स मिडकैप में 0.87% की गिरावट है। बीएसई स्मॉलकैप सूचकांक 0.80% नीचे चल रहा है। यदि क्षेत्रवार सूचकांकों की बात करें, तो रियल्टी सूचकांक में 3.97% की गिरावट है। धातु सूचकांक, एफएमसीजी, ऑटो, बैंकिग क्षेत्र के सूचकांकों में भी 2% से अधिक कमजोरी है। आईटी क्षेत्र के सूचकांक में हल्की बढ़त है। टीसीएस, एचडीएफसी, एनटीपीसी, विप्रो और टाटा पावर के शेयरों में 2% से अधिक की मजबूती है। आईसीआईसीआई बैंक और टाटा मोटर्स में 4% से अधिक की गिरावट है। डीएलएफ, हिंडाल्को इंडस्ट्रीज, हिंदुस्तान यूनिलीवर और स्टरलाइट इंडस्ट्रीज के शेयरों में भी 2% से अधिक की गिरावट है।

10.30:  बुधवार की सुबह भारतीय शेयर बाजारों में कारोबार गिरावट के साथ शुरू हुआ। सेंसेक्स 156 अंकों की गिरावट के साथ 9,684 पर खुला। सोमवार को अमेरिकी बाजारों में आयी गिरावट मंगलवार को भी जारी रही और डॉव जोंस 1.99% की गिरावट के साथ बंद हुआ। बुधवार की सुबह कॉस्पी को छोड़ कर तमाम एशियाई बाजारों में कमजोरी है। भारतीय समयानुसार 10.30 बजे हैंग सेंग में लगभग 2% की गिरावट है। शंघाई कंपोजिट, निक्केई, स्ट्रेट टाइम्स, जकार्ता कंपोजिट, कॉस्पी और ताइवान वेटेड  लगभग 1% नीचे चल रहे हैं।

बाजार में फिर बड़ी गिरावट, सेंसेक्स दस हजार के नीचे

सेंसेक्स करीब सात सौ अंक की चोट सह कर एक बार फिर 10,000 के नीचे फिसल गया है। निफ्टी भी एक बार फिर 3,000 के स्तर के नीचे चला गया। भारतीय बाजारों ने अमेरिकी और एशियाई बाजारों में आयी गिरावट की राह पर ही चलते हुए कमजोर शुरुआत की। इसके बाद पूरे दिन बाजार लगातार नीचे फिसलता रहा और आखिरकार सेंसेक्स 696 अंक या 6.61% का गोता लगा कर 9,840 पर बंद हुआ। एनएसई का निफ्टी 209 अंक या 6.66% की कमजोरी के साथ 2,939 पर बंद हुआ। मंझोले शेयरों के सूचकांक सीएनएक्स मिडकैप में 3.61% की कमजोरी रही। बीएसई का स्मॉलकैप सूचकांक 2.51% की गिरावट के साथ बंद हुआ। बीएसई में सभी क्षेत्रों के सूचकांकों में गिरावट का रुख रहा। सबसे ज्यादा गिरावट रियल्टी क्षेत्र में रही। हेल्थकेयर और एफएमसीजी को छोड़ कर बाकी सभी क्षेत्रीय सूचकांकों में 4% से अधिक की गिरावट रही।

नकदी की ओर झुकाव बढ़ा रिलायंस इक्विटी फंड का

रिलायंस इक्विटी फंड ने अक्टूबर के महीने में अपने पोर्टफोलिओ में नकदी का हिस्सा बढ़ाया है। जहाँ सितंबर में इसके पोर्टफोलिओ में नकदी का हिस्सा 27.68% था, वहीं अक्टूबर में यह हिस्सा बढ़ कर 33.58% हो गया। दूसरी ओर इस दौरान फंड ने इक्विटी के क्षेत्र में अपनी हिस्सेदारी को 70.97% से घटा कर 64.86% कर दिया है। क्षेत्रों के लिहाज से देखें तो अक्टूबर महीने के दौरान फंड ने अपने पोर्टफोलिओ में बैंकिंग क्षेत्र की हिस्सेदारी को बढ़ा कर 13.36% कर लिया है।

धातु शेयरों की चमक पड़ी फीकी

धातु क्षेत्र के शेयरों की कल की चमक आज एकदम फीकी पड़ गयी है। चीन सरकार के 586 अरब डॉलर के पैकेज से पैदा हुए उत्साह के चलते सोमवार को धातु क्षेत्र के शेयरों ने काफी मजबूती हासिल की थी और बीएसई का धातु सूचकांक 10.92% उछला था। लेकिन आज इसमें 8.42% की गिरावट आयी।

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