
क्रिसिल रिसर्च ने 30 जून, 2015 को खत्म हुई तिमाही में भी कॉर्पोरेट जगत के नतीजे निराशाजनक रहने की संभावना जतायी है। क्रिसिल के मुताबिक कमोडिटी कीमतों में नरमी, निवेश से जुड़े क्षेत्रों में कमजोर वृद्धि और ग्रामीण माँग कमजोर रहने के चलते कंपनियों की आय सीमित रहने के अनुमान हैं।
क्रिसिल ने वित्तीय और तेल एवं गैस कंपनियों को छोड़ कर 600 कंपनियों का विश्लेषण किया है। इन 600 कंपनियों का कुल बाजार पूँजीकरण में 70% हिस्सा है। विश्लेषण के मुताबिक इनकी आमदनी में महज 3% की वृद्धि दिख रही है। वहीं तिमाह-दर-तिमाही तुलना करें तो आमदनी 2.3% अंक ज्यादा रहेगी, जो 31 मार्च 2015 को खत्म तिमाही में हुई 0.7% वृद्धि के मुकाबले बेहतर होगी।
क्रिसिल का मानना है कि निवेश से जुड़े क्षेत्रों का प्रदर्शन कमजोर बना रहेगा और कमोडिटी की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में नरमी निर्यातोन्मुख और उपभोक्ता वस्तु कंपनियों की सामान्य वृद्धि में भी बाधा डालेगी। ब्याज, कर और मूल्यह्रास पूर्व आय और एबिटा मार्जिन में सालाना आधार पर 70 आधार अंक की कमी दिख रही है। (शेयर मंथन, 7 जुलाई 2015)