राजेश जैन, वीपी, एसएमसी ग्लोबल
कमजोर वैश्विक संकेतों के मद्देनजर आज भारतीय शेयर बाजारों में कमजोरी रहने की ही संभावना है। अमेरिका में डॉव जोंस सूचकांक 8,800-9,000 की बाधा को पार नहीं कर पा रहा और पिछले पाँच लगातार सत्रों से इसमें गिरावट आ रही है। हमारे यहाँ निफ्टी के सामने भी 3,100-3,150 की बाधा है, जिसे तोड़ने की कोशिश में यह लगातार नाकामयाब हो रहा है। जब तक निफ्टी इन स्तरों को नहीं तोड़ेगा, तब तक मजबूती का दौर शुरू नहीं होगा।
वैश्विक बाजारों की गिरावट ने भारतीय बाजारों की मानसिकता को प्रभावित किया है। बीच में हमने देखा कि भारतीय बाजारों ने थोड़ी अलग चाल दिखाने की कोशिश जरूर की, लेकिन इन्हें कामयाबी हासिल नहीं हो सकी।
साल 2009 की संभावनाएँ अच्छी ही लग रही हैं, क्योंकि हमारे सूचकांक जितने निचले स्तरों पर आ गये हैं, वहाँ से अधिक गिरावट की संभावना नहीं है। खराब से खराब हालात में करीब 8-10% की गिरावट और आयेगी, उसके बाद ऊपर जाने के ही आसार हैं, नीचे आने के नहीं।