अरविंद पृथी, ब्रोकिंग हेड (दिल्ली), कार्वी स्टॉक ब्रोकिंग
मेरे विचार में भारतीय शेयर बाजार छोटी अवधि के लिए कमजोरी की गिरफ्त में हैं, क्योंकि बाजार के सामने सकारात्मक बातों का अभाव है। आगे आने वाले कई कारोबारी सत्रों में बाजारों के एक निश्चित दायरे में रहने का अनुमान है।
वैसे तो विभिन्न कंपनियों के दिसंबर तिमाही के नतीजे बाजार की भावना में शामिल हैं, लेकिन यदि ये कारोबारी नतीजे अनुमानों से भी खराब आये, तो भारतीय शेयर बाजारों की गिरावट और बढ़ सकती है। यह बाजार निवेशकों का नहीं, बल्कि कारोबारियों का बाजार है। ऐसे में सलाह यही है कि बाजार में आयी हर तेजी का इस्तेमाल मुनाफावसूली के लिए किया जाये और बाजार में हर गिरावट में खरीदारी की जाये।
जहाँ तक आईटी क्षेत्र की दिग्गज कंपनी इन्फोसिस के दिसंबर तिमाही के नतीजों का सवाल है, ये शेयरो बाजारों के अनुमान के अनुरूप ही हैं। हालाँकि ये निराशाजनक नहीं हैं, लेकिन इनमें कुछ भी खास नहीं है। ऐसे में इन नतीजों से भारतीय शेयर बाजारों को कोई सहारा मिलने की उम्मीद नहीं है।